उत्तरप्रदेश

नाबालिग किशोरी ने फांसी लगाकर दी जान

रतसर(संजय कुमार तिवारी): गड़वार थाना क्षेत्र के रामपुर भोज (बलुआ) में सोमवार की रात 16 वर्षीय किशोरी सरिता चौहान पुत्री रघुवंशी चौहान ने अपने घर में लोहे की पाइप से रस्सी का फंदा बनाकर अपनी जान दे दी। घटना की सूचना गांव के चौकीदार ने स्थानीय चौकी प्रभारी रामअवध को दी गई। घटना स्थल पर सीओ सिटी अरुण कुमार सिंह प्रभारी थानाध्यक्ष सुनील लांबा भी पहुंचे और घटना के संदर्भ में मृतका के परिजनों से पूछताछ की । रात को ही शव को पीएम के लिए जिला मुख्यालय भेज दिया गया। घटना के संदर्भ में मृतका की मां तारा चौहान ने बताया कि वह अपने ससुर व अपने तीन बच्चों के साथ घर पर रहती है। जबकि पति हाल ही में काम धंधा के लिए बस्ती जनपद गये है ।सोमवार की देर शाम उनकी बड़ी बेटी सरिता शौच करने की बात कह कर घर से बाहर गई थी। देर तक वह वापस नही लौटी तो मैं टार्च लेकर उसे तलाशने खेतों के तरफ गई लेकिन वह नही मिली तब मैं वापस लौट आई इसी बीच मेरे ससुर अपने कमरे में सोने गये तो देखा कि उनके कमरे में मेरी पुत्री ऊपर लोहे के पाइप से रस्सी बांध कर फांसी लगाकर झूल गई है। मैं और मेरे ससुर ने उसे फंदे से नीचे उतारा तबतक मेरी पुत्री की मौत हो चुकी थी। मामले में पुलिस ने बताया कि मृतका के दादा शिवमुनी चौहान ने पोती द्वारा आत्महत्या किये जाने की तहरीर दी है।

Advertisements
Ad 2

इनसेट मेरे कारण ही मेरे परिजनों को परेशान किया जा रहा था। सरिता चौहान घटना को लेकर सौ मुंह सौ बात सुनने में आ रहा है। घटना के सम्बन्ध में ग्रामीणों ने बताया कि विगत 1 जनवरी को बगल के गांव बाराबांध में 25 वर्षीय युवक अमित राजभर ने भी पंखे के हुक में फांसी लगाकर जान दे दी थी। ग्रामीणों की माने तो इन दोनो के बीच प्रेम प्रसंग का मामला चल रहा था। मृतका सरिता की मां तारा देवी ने भी बताया कि सोमवार को पुलिस पुछताछ करने के लिए मेरे घर पर आई थी। और मेरे ससुर को डांट फटकार भी लगाई थी। वहीं पर खड़ी मेरी बेटी सरिता सुन रही थी और बदनामी के डर से सदमें को बर्दास्त नही कर सकी। उधर युवक की मौत के बाद उसके परिजनों ने भी मामला प्रेमप्रपंच का बताया था और सरिता चौहान का नाम घटना को लेकर जोड़ा था।

Related posts

कार्तिक पूर्णिमा स्नान पर लाखो लोगो ने लगाई आस्था की डुबकी

वार्षिक खेल प्रतियोगिता बच्चों को समर्पित किया

तुलसी विवाह बड़ा ही धूमधाम से मनाया गया : शैली