बिहार

विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस : मानसिक स्वास्थ्य के प्रति लोगों को जागरूक होने की है जरूरत

अररिया, रंजीत ठाकुर स्वस्थ व खुशहाल जीवन के लिये किसी व्यक्ति का मानसिक तौर पर स्वस्थ होना जरूरी है। मानसिक स्वास्थ्य के प्रति आम लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के रूप में मनाया जाता है। मानसिक स्वास्थ्य एक सार्वभौमिक मानव अधिकार थीम पर आयोजित विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के मौके स्वास्थ्य विभाग द्वारा विभिन्न स्तरों पर जागरूकता संबंधी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सदर अस्पताल में सिविल सर्जन डॉ केके कश्यप की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में एनसीडीओ डॉ राजेंद्र कुमार, अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक डॉ आकाश राय, डॉ साइना, अस्पताल प्रबंधक विकास आनंद, साइकोलॉजिस्ट शुभम कुमार सहित अन्य स्वास्थ्य अधिकारी व कर्मी मौजूद थे।

तनाव प्रबंधन एक गंभीर चुनौती


कार्यक्रम में सिविल सर्जन डॉ केके कश्यप ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य किसी व्यक्ति के मनोवैज्ञानिक, भावनात्मक, सामाजिक सहित समग्र व्यवहार को नियंत्रित करता है। भागदौड़ से भरी इस जिंदगी में तनाव प्रबंधन एक गंभीर चुनौती बन कर उभरा है। अत्यधिक तनाव हमारे सोचने, समझने की क्षमता को प्रभावित करता है। हमारे दैनिक व्यवहार में भी इसका असर दिखता है। किसी की संगति से बचना, अकेले रहने की आदत, अत्यधिक चिंता, बहुत अधिक क्रोध व झुंझलाहट, मूड में तुरंत बदलाव, हमेशा दुखी रहना किसी व्यक्ति में मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्या को इंगित करता है। ऐसी परिस्थिति बनने पर तत्काल किसी मनोचिकित्सक की देखरेख में जरूरी परामर्श व इलाज को उन्होंने जरूरी बताया।

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स्वस्थ जीवनशैली तनाव प्रबंधन में सहायक –


जिला गैर संचारी रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि जीवन में हर दिन से जुड़े तनाव से जूझने, शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने, लोगों से अच्छे संपर्क बनाये रखने, अपनी क्षमताओं को पहचानने व अपनी उत्पादकता में बढ़ोतरी के लिये मानसिक रूप से स्वस्थ रहना जरूरी है। मानसिक स्वास्थ्य विकार कई तरह के हो सकते हैं। इसमें किसी भी चीज को लेकर अत्यधिक तनाव, अवसाद, असामान्य रूप से अपनी भावनाओं को प्रकट करना, नशापान की बुरी लत, पर्सनालिटी डिसआर्डर बहुत ही आम है। खास बात ये अपनी इच्छा व जरूरतों के बीच के अंतर को समझ कर बहुत हद तक तनाव व अवसाद को प्रबंधित किया जा सकता है। मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिये नियमित व्यायाम, मेडिटेशन, समय प्रबंधन, दोस्तों, परिवार व परिचित लोगों के साथ समय बिताना, लिखने व पढ़ने की आदत को जीवन में शामिल किया जा सकता है।

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