पटना, (न्यूज़ क्राइम 24) राज्य के 24 जिले से चुने हुए दो-दो लैब तकनीशियन का विशेष प्रशिक्षण 3 व 4 अक्टूबर को पटना में होगा. अगले साल 10 फ़रवरी से इन्हीं 24 जिले में फाइलेरिया रोधी दवा सेवन अभियान यानी सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम होना है. उसके पहले चुनिन्दा प्रखंडों में नाइट ब्लड सर्वे होगा. इसी नाइट ब्लड सर्वे के लिए लैब तकनीशियनों को प्रशिक्षित किया जाना है. अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी (फाइलेरिया) डॉ. परमेश्वर प्रसाद ने इन 24 जिलों के वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी को इस सम्बन्ध में पत्र जारी किया है.
इन 24 जिलों में चलाया जायेगा सर्वजन दवा सेवन
(एमडीए) अभियान:
पत्र के अनुसार आगामी 10 फ़रवरी से राज्य के 24 जिले क्रमश: पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, गोपालगंज, जमुई, कैमूर, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, सारण, गया, बांका, बेगूसराय, भागलपुर, जहानाबाद, कटिहार, खगड़िया, सहरसा, सिवान, सुपौल, औरंगाबाद, शिवहर, अरवल, वैशाली, सीतामढ़ी एवं शेखपुरा जिले में सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) अभियान चलना है.
दो बैच में होगा प्रशिक्षण
पत्र के अनुसार, 3 अक्टूबर को पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, गोपालगंज, जमुई, कैमूर, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, सारण, गया, बांका, बेगूसराय, भागलपुर एवं 4 अक्टूबर को जहानाबाद, कटिहार, खगड़िया, सहरसा, सिवान, सुपौल, औरंगाबाद, शिवहर, अरवल, वैशाली, सीतामढ़ी एवं शेखपुरा जिले के दो-दो लैब तकनीशियन का एक दिवसीय प्रशिक्षण होगा. यह प्रशिक्षण पटना स्थित क्षेत्रीय कार्यालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान, कर्पूरी ठाकुर सदन में आयोजित होगा. राज्य फ़ाइलेरिया सलाहकार डॉ. अनुज सिंह रावत ने बताया कि प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य लैब तकनीशियन को माइक्रो फ़ाइलेरिया की पहचान एवं प्रयोगशाला में माइक्रो फ़ाइलेरिया दर के सटीक आकलन पर केन्द्रित है. उन्होंने बताया कि सटीक माइक्रो फ़ाइलेरिया दर से ही आगे की रणीनीति बनाने में सहायता मिलती है. माइक्रो फ़ाइलेरिया दर के आधार पर ही यह निर्धारित किया जाता है कि संबंधित क्षेत्र में दवा का सेवन कराना है अथवा नहीं. इसलिए लैब तकनीशियन को इसके लिए ख़ास तौर पर स्लाइड बनाना, उसको स्टेन करना, स्मीयर इकठ्ठा करना एवं जब रक्त स्लाइड पर लें तो उसे अंडाकार बनाना आदि सिखाया जाएगा ताकि माइक्रो फ़ाइलेरिया को पहचानने में किसी प्रकार की त्रुटि न हो.