फुलवारी शरीफ, अजित रमजान के पवित्र महीने में हारून नगर के 8 वर्षीय मोहम्मद बिलालुद्दीन अज़हर ने अपना पहला रोजा रखा. उनकी इस हिम्मत और लगन को देखकर परिवार और मोहल्ले के लोगों ने उन्हें ढेरों दुआएं और बधाइयां दीं.बिलालुद्दीन अज़हर के पिता मोहम्मद नेहालुद्दीन अज़हर और दादा मोहम्मद जमालुद्दीन अज़हर ने बताया कि उन्होंने जिद करके रोजा रखने की इच्छा जताई. घरवालों ने पहले उनकी छोटी उम्र को देखते हुए मना किया, लेकिन उनकी जिद के आगे सभी को झुकना पड़ा.
गर्मी के कारण दोपहर में जब उन्हें कमजोरी महसूस हुई, तो मां ने उन्हें गोद में सुलाया.इसके बाद कुरान शरीफ पढ़ने के लिए बिठाया गया ताकि उनका ध्यान बंटे और वे आसानी से रोजा पूरा कर सकें.
शाम को इफ्तार के समय जब बिलालुद्दीन ने बड़ों के साथ रोजा खोला, तो परिवार, दोस्तों और रिश्तेदारों ने उन्हें गिफ्ट दिए और उनकी हिम्मत की सराहना की.बिलालुद्दीन की इस पहल ने मोहल्ले में एक मिसाल कायम कर दी, और लोग उनकी हिम्मत की तारीफ कर रहे हैं.
बिलालुद्दीन ने बताया कि उनके दादा और पिता ने उन्हें सिखाया कि रमजान का असली मकसद खुदा की इबादत के साथ जरूरतमंदों की मदद करना भी है. आगे कहा, “अल्लाह हमसे चाहता है कि हम सालभर दूसरों की मदद करें, क्योंकि यही सबसे बड़ा नेक काम है और इससे अल्लाह खुश होते हैं.