अररिया, रंजीत ठाकुर भरगामा प्रखंड क्षेत्र के सिमरबनी पंचायत के धनगड़ा गांव में मंगलवार को एक हीं पशुपालक की तीन मवेशियों की अज्ञात बीमारियों से मौत हो गई। जिसके कारण पशुपालक परेशान हैं। पशुपालक पूनम यादव ने बताया कि सोमवार की सुबह को करीब पांच बजे अचानक एक भैंस मर गया। उसके बाद शाम में भैंस का बच्चा मर गया। उसके बाद मंगलवार के सुबह को एक और भैंस का बच्चा मर गया। जबकि आस-पड़ोस के दो दर्जनों से भी अधिक पशु गंभीर रूप से बीमार हो गई है जो अभी जिंदगी और मौत से जंग लड़ रही है। बताया गया कि पशुओं में बीमारी का कोई लक्षण नहीं देखा गया। स्थानीय कई पशु चिकित्सक से दिखाया गया,लेकिन मौत के कारणों का पता नहीं चल पाया है।
एक हीं दरवाजे पर दो दिन में तीन पशुओं की मौत होने से आस-पड़ोस के पशुपालकों में हड़कंप मच गया है। पशुपालक ने इस बाबत पशुचिकित्सा पदाधिकारी को सूचना दी है। ग्रामीणों का आरोप है कि ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर मामले को लेकर गंभीर नहीं हैं। उच्च अधिकारियों को मामले की सूचना तक नहीं है। ग्रामीण लगातार डॉक्टरों व मौके पर टीम बुलाने की रिक्वेस्ट कर चुके हैं मगर विभाग हरकत में नहीं आ रहा। हर रोज चार से पांच पशु बीमार हो रही है। ग्रामीणों ने बताया कि छोटे पशुओं पर इसका अधिक असर है। वहीं सामाजिक कार्यकर्ता पंकज ऊर्फ पिंटू यादव ने बताया कि पशुओं में लक्षण इस तरह के हैं कि कुछ समझ नहीं आ रहा।
अचानक कंपन सी होती है और मुंह से लार गिराते हैं। कुछ समय बाद गिर जाते हैं और मौत हो जाती है। डॉक्टरों को जबतक बुलाए तो पशु मर चुका होता है। उन्होंने बताया कि धनगड़ा के पशुपालकों को लाखों रुपये का नुकसान हो चुका है। वहीं भरगामा के पशुचिकित्सा पदाधिकारी डॉ. तपेश्वर प्रसाद ने बताया कि पशुपालन विभाग एचएस बीमारियों का आवश्यक रोकथाम के लिए पूरी तरह सजग एवं सतर्क है और मवेशियों के इलाज के लिए हर स्तर पर प्रयास कर रहा है। लेकिन मृत पशुओं का पोस्टमार्टम किए जाने के बाद हीं मौत के कारणों का पता लगना संभव है। किसी संक्रमण के शिकार होने से पशुओं की मौत होने से भी इंकार नहीं किया जा सकता है।