बिहार

एनडीआरएफ ने सीआईएसएफ यूनिट कोडरमा थर्मल पॉवर स्टेशन के साथ किया रासायनिक आपदा पर मॉक ड्रिल

बिहटा(आनंद मोहन): गुरुवार को 9वीं बटालियन एनडीआरएफ और सीआईएसएफ यूनिट कोडरमा थर्मल पॉवर स्टेशन (के टी पी एस) द्वारा संयुक्त रूप से क्लोरिन गैस के रिसाव की दुर्घटना से निपटने पर आधारित एक मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस मॉक ड्रिल में एनडीआरएफ और कोडरमा थर्मल पॉवर (के टी पी एस) के साथ सीआईएसएफ यूनिट की अग्निशमन सेवा तथा केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के सुरक्षा कर्मियों ने बढ़-चढ़कर हिस्‍सा लिया। मॉक ड्रिल के दौरान कोडरमा स्थित कोडरमा थर्मल पॉवर स्टेशन में लगे जल शोधक संयंत्र से जुड़े क्लोरिन प्लांट में क्लोरिन गैस के रिसाव की दुर्घटना का दृश्‍य चित्रित किया गया था। सभी प्रतिभागी एजेंसियों ने बेहतर समन्वय स्थापित कर इस आपदा से निपटने का कुशल अभ्यास किया। इस दौरान एनडीआरएफ के बचाव कर्मियों ने प्लांट से पीड़ित लोगों को सुरक्षित निकालने, अस्पताल पूर्व चिकित्सा मुहैया कराने तथा क्लोरिन गैस के रिसाव को रोकने का ऑनसाइट अभ्यास किया।
9वीं बटालियन एनडीआरएफ टीम का नेतृत्व किया विनय कुमार, सहायक समादेष्टा ने । मॉक ड्रिल को अंजाम देने के लिए इंस्पेक्टर सुबोध के साथ रांची से एनडीआरएफ की एक टीम घटना स्थल पर पहुंची और पूरे ड्रिल को अंजाम दिया.

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इस अवसर पर उदय कुमार ( मुख्य अभियंता और प्लांट चीफ), नीरज कुमार (उप कमांडेंट, सीआईएसएफ) तथा अन्य पदाधिकारी और कर्मचारी बड़ी संख्या में मौजुद रहे। जिन्होंने पूरे मॉक ड्रिल को बहुत ही ध्यान से देखा और आपदा के दौरान की जाने वाली कार्यवाही को सिखा। इस अभ्यास के दौरान कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के पहलूओं का भी पूरा ध्यान रखा गया। इससे पहले 28 जुलाई शाम को इस आपदा प्रबंधन से जुड़े विभिन्न एजेंसियों के साथ के टी पी एस के कांफ्रेंस हॉल में एक टेबल टॉप एक्सरसाइज किया गया जिसमें सभी एजेंसियों के बीच बेहतर सामंजस्य स्थापित करने हेतु चर्चा की गई। एनडीआरएफ से आए विनय कुमार सहायक समादेष्टा ने सबसे पहले प्रस्तुति देते हुए एनडीआरएफ के बारे में लोगों को जानकारी दी तथा एनडीआरएफ की क्षमता से परिचय करवाया एवम् किसी भी आपदा के दौरान विभिन्न एजेंसियों अथवा हितधारको की क्या भूमिका और जिम्मेवारी हो सकती है जिससे राहत बचाव कार्य को प्रभावी और तीव्र गति से अंजाम दिया जा सके ताकि इस तरह की आपदाओं में होने वाले संभावित जान माल के नुकसान को रोका जा सके या न्यूनतम किया जा सके इसके बारे में लोगों को बताया। इस मीटिंग की अध्यक्षता की उदय कुमार चीफ इंजीनियर और केटीपीएस के हेड ऑफ प्लांट में साथ में सीआईएसएफ केटीपीएस यूनिट के प्रमुख नीरज कुमार उपसमादेष्टा भी अपनी टीम एवम् केटीपीए के विभिन्न उपक्रमों से जुड़े पदाधिकारियों के साथ उपस्थित रहे। इस मॉक ड्रिल के उपरांत घटना स्थल पर मौजूद सभी लोगों ने सराहना की । मॉक ड्रिल के बाद इसकी समीक्षा की गई जिसमें उन बिंदुओं पर चर्चा किया गया जिसे घटना पर काबू पाने में कमी के रूप में चिन्हित किया गया। एनडीआरएफ के सुझाव को स्थानीय तौर पर प्रतिक्रिया के दौरान शामिल किए जाने का निर्णय लिया गया। साथ ही इस तरह के ड्रिल को लगातार करने का भी निर्णय हुआ। विजय सिन्हा, कमाण्‍डेंट, 9वीं बटालियन एनडीआरएफ के अनुसार इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में काम कर रही विभिन्‍न एजेन्सियों के बीच परस्‍पर समन्‍वय तथा कार्यक्षमता को और बढाना है ताकि वास्तविक आपदा के दौरान जानमाल के नुकसान को रोका जा सके।

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