बिहार

36 साल पुरानी हत्या के केस में हुई आजीवन कारावास

औरंगाबाद(प्रमोद कुमार सिंह): व्यवहार न्यायालय में 36 साल पुरानी हत्या के केस में हुई आजीवन कारावास, आज व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद में एडिजे सात सुनील कुमार सिंह ने हत्यारोपी दो आरोपी को सज़ा के बिन्दु पर सुनवाई करते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है

एपीपी श्याम नंदन तिवारी ने कहा कि दोनों अभियुक्त परमेश्वर पासवान और मुसाफिर पासवान बसरी
आहर ढिबरा को 20/12/22 को भादंवि धारा 302 और 27 आर्म्स एक्ट में दोषी करार दिया गया था मोसाफिर पासवान दुसरे केस में पूर्व से ही जेल में बंद हैं, जबकि परमेश्वर पासवान को बंधपत्र विखंडित कर जेल भेज दिया गया था

इस वाद में कुछ अन्य आरोपी का निधन भी हो चुका है , अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि भादंवि धारा 302 में दोनों अभियुक्तों को आजीवन कारावास, बीस हजार जुर्माना, जुर्माना न भर सकें तो एक वर्ष अतिरिक्त कारावास होगी, वहीं 27 आर्म्स एक्ट में तीन साल की सजा, पांच हजार जुर्माना, जुर्माना न देने पर छः माह अतिरिक्त साधारण कारावास होगी, दोनों सजाएं साथ साथ चलेंगी, अधिवक्ता ने बताया कि प्राथमिकी 29/12/86 को दर्ज की गई थी जिसकी सेसन ट्रायल संख्या 108/87 थी , दोनों पक्षों में जमीन विवाद था न्यायालय में टाईटल सुट -102/68 चल रहा था

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सूचक राम विलास महतो ढिबरा ने कहा कि खेत में कटनी के दौरान अभियुक्तों ने नजायज मजमा बनाकर हरबे हथियार से लैस होकर गांव के ही गोपाल महतो को ज़ख्मी कर दिया और विशुन महतो को गोली मारकर हत्या कर दिया था

जिससे पुरे गांव में दहशत फैला गया था, औरंगाबाद में एडिजे सात सुनील कुमार सिंह ने हत्यारोपी दो आरोपी को सज़ा के बिन्दु पर सुनवाई करते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है एपीपी श्याम नंदन तिवारी ने कहा कि दोनों अभियुक्त परमेश्वर पासवान और मुसाफिर पासवान बसरी आहर ढिबरा को 20/12/22 को भादंवि धारा 302 और 27 आर्म्स एक्ट में दोषी करार दिया गया था

मोसाफिर पासवान दुसरे केस में पूर्व से ही जेल में बंद हैं, जबकि परमेश्वर पासवान को बंधपत्र विखंडित कर जेल भेज दिया गया था, इस वाद में कुछ अन्य आरोपी का निधन भी हो चुका है , अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि भादंवि धारा 302 में दोनों अभियुक्तों को आजीवन कारावास, बीस हजार जुर्माना, जुर्माना न भर सकें तो एक वर्ष अतिरिक्त कारावास होगी, वहीं 27 आर्म्स एक्ट में तीन साल की सजा, पांच हजार जुर्माना, जुर्माना न देने पर छः माह अतिरिक्त साधारण कारावास होगी, दोनों सजाएं साथ साथ चलेंगी, अधिवक्ता ने बताया कि प्राथमिकी 29/12/86 को दर्ज की गई थी जिसकी सेसन ट्रायल संख्या 108/87 थी , दोनों पक्षों में जमीन विवाद था न्यायालय में टाईटल सुट -102/68 चल रहा था, सूचक राम विलास महतो ढिबरा ने कहा कि खेत में कटनी के दौरान अभियुक्तों ने नजायज मजमा बनाकर हरबे हथियार से लैस होकर गांव के ही गोपाल महतो को ज़ख्मी कर दिया और विशुन महतो को गोली मारकर हत्या कर दिया था, जिससे पुरे गांव में दहशत फैला गया था।

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