फुलवारी शरीफ़, (न्यूज़ क्राइम 24) संत सद्गुरु कबीर का जीवन दर्शन हर व्यक्ति को अपनाना चाहिए ताकि मनुष्य का जन्म सार्थक हो सके. यह बातें संत डॉ धर्मवीर कुमार भास्कर ने राजधानी के अपने निवास स्थान जगनपुरा स्थित साहेब कॉलोनी में संत माता हीरा साहेब एवं आचार्य संत सद्गुरु देवेंद्र साहेब जी की स्मृति में कही. मौक़े पर दिवंगत माता हीरा साहेब की स्मृति में संत, महात्मा, गुरु एवं अपनों के बीच श्रद्धा भंडारा का आयोजन किया गया.इस मौक़े पर मातृ -पितृ, गुरु, अतिथि और आचार्य पंच देवों की आरती उतारी एवं पूजा अर्चना की.
श्री भास्कर ने कहा कि श्राद्ध का मतलब विशेष श्रद्धा होता है जो व्यक्ति इस संसार से विदा लेकर पंचतत्व में विलीन हो गये उन्हें श्रद्धा व्यक्त नहीं किया जा सकता है. जो इंसान जिन्दा है उसके कर्मो मे बदलाव लाया जा सकता है जो व्यक्ति इस संसार में नहीं है उसके कर्म में बदलाव लाने के लिए कर्म काण्ड करना झूठ के सिवा कुछ नहीं हो सकता है.उनके परिवार के प्रति श्रद्धा -श्रद्धांजलि व्यक्त की जा सकती है ताकि मरने के बाद परिवार वाले पर जो संकट आया है उसे यथा संभव कम किया जा सकता है.तन -मन- धन आवश्यक्तानुसार दिया जा सकता है. घर के कर्ता का अपने लोगों को भोज खिलाकर श्रद्धा पूरा होता है जबकि लोग कहते हैं कि यह मरने वाले का श्राद्ध है जो पूरी तरह से झूठ है.
इस मौक़े पर संत मनोहर, योगेंद्र, रमन, रामबालक, अमृतदास, परमानन्द शास्त्री साहेब सहित अन्य धर्म मानने वाले गणमान्य लोग उपस्थित थे.