बिहार

भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री अबुल कलाम आजाद की जयंती मनाई गई

डुमरिया(न्यूज़ क्राइम 24): संवाद सूत्र अबुल कलाम आजाद की जयंती के अवसर पर प्राथमिक विद्यालय महू डी के प्रधानाध्यापक दिवाकर मिश्र ने कहा कि आजाद साहब राजनैतिक, शिक्षाविद के साथ-साथ सामाजिक समरसता की शुद्धता पर विशेष बल देते थे ।वे वैसे नेताओं का विरोध करते थे जो देशहित के समक्ष संप्रदायिक हित की तरजीह देते थे। उन्होंने 1905 में बंगाल विभाजन का भी काफी विरोध किये थे। वे 1912 में पत्रकार बनकर मुस्लिम युवाओं को भारत के आजादी के लिए उत्साहित किए तथा समाज में सामाजिक समरसता बनी रहे इसके लिए उन्होंने हिंदू मुस्लिम युवाओं की सशक्त टीम कैसे तैयार हो इसके लिए पत्रकारिता के माध्यम से मुस्लिम युवाओं को क्रांतिकारी आंदोलन के लिए उत्साहित करते रहते थे।

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भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान आई आई टी और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की स्थापना का श्रेय उन्हीं का है। मरणोपरांत 1992 ईस्वी में उन्हें भारत रत्न दिया गया। ऐसे महान व्यक्तित्व को मैं नमन करता हूं।मध्य विद्यालय कोलसैता,मध्य विद्यालय कुसडिह,उर्दू मध्य विद्यालय मदारपुर,मध्य विद्यालय कुड़िया, मध्य विद्यालय महू डी,प्राथमिक विद्यालय कोढ़ी,कन्या प्राथमिक विद्यालय मैगरा इत्यादि विद्यालयों में कलाम आजाद जी को जयंती धूम धाम से मनाया गया।

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