उत्तरप्रदेश

महिला प्रशिक्षण संस्थान ने गाजियाबाद न्यायालयों में महिला उत्पीड़न के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट और प्रधानमंत्री को भेजा ज्ञापन

गाजियाबाद, (न्यूज़ क्राइम 24) महिला प्रशिक्षण संस्थान की संस्थापिका शैली जी के नेतृत्व में आज गाजियाबाद सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय के माध्यम से भारत के सर्वोच्च न्यायालय एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी को एक महत्वपूर्ण ज्ञापन भेजा गया। ज्ञापन में गाजियाबाद न्यायालयों में महिलाओं के साथ हो रहे अन्याय, रिश्वतखोरी और न्यायिक प्रक्रिया में पक्षपात को लेकर गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

ज्ञापन में कहा गया है कि गाजियाबाद के न्यायालयों में महिला पीड़िताओं को हर बार केवल तारीखें देकर लौटा दिया जाता है। न्याय की बजाय उन्हें ठगा जाता है और विपक्षी पक्ष से पैसे लेकर न्यायिक कार्यवाही को प्रभावित किया जाता है। पीड़ित महिलाओं के प्रार्थना पत्रों को अनदेखा कर दिया जाता है और रिश्वत लेकर फैसले विपक्षियों के पक्ष में लिखे जाते हैं।

शैली जी ने बताया कि CJM कोर्ट गाजियाबाद सहित कई न्यायालयों में प्रशासनिक कर्मचारी जैसे रीडर, पेशकार आदि रिश्वत लेकर न्यायिक आदेशों को रोकते हैं। कई बार कोर्ट द्वारा जारी NBW (गिरफ्तारी वारंट) को भी जानबूझकर लागू नहीं किया जाता। जब बार-बार शिकायत की जाती है तब कहीं जाकर कार्रवाई होती है, वह भी केवल दिखावे के तौर पर।

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ज्ञापन में यह भी आरोप है कि जब विपक्षी अदालत में आता है, तो पीड़ित महिला की शिकायत को दरकिनार कर उसके केस को कमजोर कर दिया जाता है, अन्य आरोपियों के नाम हटा दिए जाते हैं और अंततः विपक्षी को बाइज्जत बरी कर दिया जाता है। इस तरह से महिलाओं को बार-बार तारीखें देकर केवल मानसिक उत्पीड़न झेलने को मजबूर किया जाता है।

संस्थान की ओर से यह मांग की गई है कि गाजियाबाद न्यायालयों में हो रही भ्रष्ट न्यायिक प्रक्रिया की निष्पक्ष जांच करवाई जाए और महिलाओं द्वारा दायर शिकायतों पर तेजी से सुनवाई कर उचित न्याय दिलाया जाए। उन्होंने कहा कि देश की न्याय प्रणाली जहां पहले से ही महंगी और धीमी है, ऐसे में अगर भ्रष्टाचार हावी रहेगा तो महिलाओं को न्याय मिलना असंभव हो जाएगा।

इस ज्ञापन कार्यक्रम में संस्थापक शैली जी के साथ निशा तोमर, पत्रकार सुनीता उपाध्याय, गीता त्यागी, गीता श्री वासत्व, रेखा शर्मा, पायल खत्री, आरती, प्रिया, प्रीति मिश्रा, अनंत शर्मा, विष्णु शर्मा, नैतिक सिंघल, अभिषेक यादव, सुमित गोर सहित अनेक नारी शक्ति और समाजसेवी शामिल रहे।

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