फुलवारीशरीफ, अजीत। वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 के खिलाफ आंदोलन को निर्णायक बनाने के लिए इमारत ए शरिया बिहार, ओडिशा, झारखंड व बंगाल के तत्वावधान में पटना में दो अहम बैठकें हुईं. एक में शहर के प्रमुख लोग और दूसरी में मस्जिदों के इमाम शामिल हुए।
बैठकों की अध्यक्षता अमीर शरीयत हजरत मौलाना अहमद वली फैसल रहमानी ने की. उन्होंने कहा कि 29 जून को गांधी मैदान में होने वाला “वक्फ बचाओ, संविधान बचाओ सम्मेलन” सिर्फ एक सभा नहीं, बल्कि राष्ट्र की पहचान, अधिकार और इतिहास की रक्षा का संकल्प है.
इमारत ए शरिया के कार्यवाहक निदेशक मुफ्ती सईद-उर-रहमान कासमी ने कहा कि नया कानून धार्मिक संस्थाओं के अस्तित्व पर हमला है. नायब काजी शरीयत मुफ्ती सोहेल अख्तर कासमी ने इसे क्रांतिकारी चेतना का आंदोलन बताया।
पटना के इमामों ने भी सम्मेलन को सफल बनाने का संकल्प लिया. मुफ्ती असद कासमी और मौलाना गौहर इमाम कासमी सहित अन्य इमामों ने कहा कि यह पूरी कौम की जिम्मेदारी है।
बैठकों में फैसला लिया गया कि मेहमानों के लिए भोजन और आवास की व्यवस्था मोहल्लों, मस्जिदों और सामुदायिक भवनों के जरिये की जाएगी. सभी ने सम्मेलन को एकता, अनुशासन और सेवा का ऐतिहासिक उदाहरण बनाने का संकल्प लिया।