अररिया, रंजीत ठाकुर जानकारी की कमी व जागरूकता के अभाव में कम उम्र के युवा आज तेजी से एचआईवी संक्रमण के शिकार हो रहे हैं। युवाओं को एचआईवी संक्रमण के खतरों से बचाने के लिये स्वास्थ्य विभाग द्वारा विभिन्न स्तरों पर जरूरी प्रयास किये जा रहे हैं। युवाओं को रोग के संभावित खतरों से बचाने के लिये स्कूल-कॉलेजों में यौन शिक्षा कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। इसके माध्यम से एचआईवी संक्रमण से बचाव संबंधी उपायों के प्रति युवाओं को जागरूक किया जा रहा है। इसी कड़ी में जिला एड्स बचाव व नियंत्रण इकाई द्वारा गुरुवार को फणीश्वर नाथ रेणु इंजीनियरिंग कॉलेज सभागार में एचआईवी एड्स जागरूकता विषय पर विशेष जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान छात्रों को रक्तदान के महत्व से अवगत कराते हुए इससे संबंधित गतिविधियों में छात्राओं को बढ़-चढ़ कर अपनी हिस्सेदारी निभाने के लिये प्रेरित किया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने भाग लिया।
एचआईवी नियंत्रण में युवाओं की भागीदारी महत्वपूर्ण
जिला एड्स बचाव व नियंत्रण इकाई के डीपीएम एड्स अखिलेख कुमार सिंह ने कार्यक्रम में शामिल छात्रों को एचआईवी संक्रमण की वजह व इससे बचाव संबंधी उपायों की जानकारी दी। उन्होंने एचआईवी नियंत्रण में युवाओं की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने बताया कि एचआईवी संक्रमित व्यक्ति भी समाज में सामान्य लोगों की तरह जीवनयापन कर सकते हैं। उससे किसी तरह भेद-भाव को दंडनीय बताते हुए हर स्तर रोगियों के सहयोग को जरूरी बताया। समाज में एचआईवी एड्स को लेकर व्याप्त भ्रांतियों को दूर करने में उन्होंने युवाओं को बढ़-चढ़ कर अपनी भागीदारी सुनिश्चित कराने का अनुरोध किया। साथ ही छात्रों को रक्तदान के महत्व से अवगत कराते हुए रक्तदान को लेकर आयोजित शिविरों में अपनी भागीदारी निभाते हुए छात्रों को रक्तदान के लिये प्रेरित व प्रोत्साहित किया।
जागरूकता की कमी से एचआईवी का शिकार हो रहे हैं युवा
सिविल सर्जन डॉ केके कश्यम ने बताया कि युवाओं में एचआईवी संक्रमण के खतरों को ध्यान में रखते हुए युवाओं को रोग के संभावित कारणों व इससे बचाव संबंधी सही जानकारी उपलब्ध कराना जरूरी है। जागरूकता की कमी, असुरक्षित यौन संबंध, इंजेक्क्शन के रूप में नशीली सुई का प्रयोग, समाज व दोस्तों के दबाव लिया गया कोई गलत निर्णय कुछ ऐसी वजह है जिस कारण युवा तेजी से एचआईवी संक्रमण के शिकार हो रहे हैं। युवाओं का इस गंभीर रोग से बचाव स्वास्थ्य विभाग ही पूरे समाज की जिम्मेदारी है।