पटना, अजित : भारतीय किसान यूनियन हलधर के तत्वाधान में सैकड़ो गाड़ियों के काफिले के साथ हजारों किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली के लिए रवाना होंगे. इसकी जानकारी भारतीय किसान यूनियन हलधर के प्रवक्ता डॉक्टर शैलेश गिरी ने दी. उन्होंने बताया कि इस आंदोलन के लिए पूरी तैयारी हो चुकी है.
किसान आंदोलन कमजोर नहीं हो सकता. आज यूपी से शुरुआत हुई है कल किसान अपने समस्याओं और मांगों को लेकर बिहार और झारखंड की धरती से भी दिल्ली में आंदोलन के लिए रवाना होंगे. प्रधानमंत्री जी एवं केन्द्रीय कृषि मंत्री से बिहार व झारखंड में बढ़ते औद्योगिकीकरण के पूर्व हो रहे भूमि सर्वेक्षण की कठिन जटिलताओं और झारखंड में फ़सल बीमा योजना में करोड़ों की हुए गबन की ओर ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहना चाहता हूँ की किसने की समस्याओं का जल्द से जल्द समाधान कर उनके सभी मांगों को पूरा करें.किसान आयोग का न बनना दुर्भाग्यपूर्ण है.एक किसान आयोग और बने हुए किसान आयोग में किसान यूनियन के पदाधिकारी ही सभी पदों पर रहे तभी देश का भला हो सकता है.
हलधर किसान यूनियन के राष्ट्रीय मुख्य प्रवक्ता सह बिहार झारखंड प्रदेश प्रभारी शैलेश कुमार गिरि का कहना है कि जिस देश की आत्मा और रीढ़ की हड्डी 70 प्रतिशत किसान ही हो जो विषम से विषम परिस्थितियों में भी देश की जीडीपी में अहम् रोल अदा करते हुए सबसे उपर रहता है, उसी किसान के लिए कृषि प्रधान देश भारत में.वर्तमान में चल रहे आंदोलन की प्रमुख मांगों में अधिग्रहित ज़मीन का 10% हिस्सा किसानों को विकसित करके देना 2013 के भूमि अधिग्रहण कानून के तहत उचित मुआवज़ा देना नए भूमि अधिग्रहण कानून के मुताबिक, बाज़ार दर का चार गुना मुआवज़ा देना भूमिधर और भूमिहीन किसानों के बच्चों को रोज़गार और पुनर्विकास के लाभ देना आबादी क्षेत्र का उचित निस्तारण करना सभी फ़सलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के लिए कानूनी आश्वासन हासिल करना
सभी किसानों के लिए ऋण की पूरी माफ़ी शामिल हैं.
श्री गिरि ने प्रधानमंत्री जी से सवाल करते हुए स्पष्टीकरण भी जानना चाहा है कि वर्ष 2011 में तत्कालीन गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी उस समय बनी केंद्रीय समिति के अध्यक्ष थे और तब उन्होंने लिखित रूप में तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह से स्वयं कहा था कि किसानों को एम एस पी की गारंटी लिखित रूप में मिलनी चाहिए. अब वही नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं तब अपनी कई बातों से भी पलट गए.इसलिए किसानों का विश्वास प्रधानमंत्री मोदी से उठता जा रहा है.
उन्होंने बताया कि 07-12-2024 को 11 बजे दिन में राष्ट्रीय अध्यक्ष धीरेन्द्र सोलंकी और उत्तर प्रदेश अध्यक्ष कृष्ण गोपाल सिंह भदौरिया, राष्ट्रीय मुख्य महासचिव देशराज राज भगत सिंह के कुशल नेतृत्व में भारतीय हलधर किसान यूनियन संवैधानिक मानदंडों, गांधीवादी व शांतिपूर्ण तरीके से आगरा,एटा, फिरोजाबाद,अलिगढ़,मेरठ, खुर्जा, बुलंदशहर और गौतमबुद्ध नगर की टीम के साथ सैकड़ों गाड़ियों और हजारों हजार किसानों के साथ किसान हित और ज्यादती के विरुद्ध गांधीवादी तरीके से दिल्ली की ओर कूच करेंगे। राष्ट्रीय मुख्य प्रवक्ता शैलेश कुमार गिरि ने कहा कि अंग्रेज़ों के 84 तरह के टैक्स के विरुद्ध सबसे लम्बा किसान आंदोलन लगभग 123 साल पहले हुई थी अब इससे भी बड़ा आंदोलन की चेतावनी दे डाली.