बिहार

खेती में रासायनिक उर्वरकों का मानव स्वास्थ्य पर भी पड़ रहा है असर : मंत्री

फुलवारी शरीफ, अजित : पटना के बामेति में आज कृषि मंत्री मंगल पांडे ने प्रशिक्षण एवं जागरूकता कार्यक्रम का दीप प्रज्वलित कर उद्घाटन किया.मृदा दिवस कार्यक्रम में मंत्री मंगल पाण्डेय ने किसानों और क्षेत्रीय कृषि पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए बताया कि मिट्टी की सेहत को बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है. उन्होंने कहा कि रासायनिक उर्वरकों के अत्यधिक उपयोग से मिट्टी की उर्वरता घट रही है, जिससे उत्पादन क्षमता में कमी आ रही है.यह समस्या केवल कृषि तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका सीधा असर मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण पर भी पड़ता है. मंत्री ने जैविक और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की बात करते हुए किसानों से अपील की कि वे फसल उत्पादन में जैविक खादों का अधिक उपयोग करें. उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना चलाई जा रही है, जिसके तहत किसानों को उनकी मिट्टी की गुणवत्ता के आधार पर सही उर्वरक उपयोग की जानकारी दी जाती है.

मृदा दिवस के अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने किसानों को मिट्टी के परीक्षण की विधियों, जैविक खाद के फायदों और उर्वरकों के संतुलित उपयोग के बारे में विस्तार से जानकारी दी. कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि रसायनिक दवाओं के अत्यधिक प्रयोग से पर्यावरणीय असंतुलन बढ़ रहा है, जिसे रोकने के लिए जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं.

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किसानों की सहभागिता इस कार्यक्रम में राज्य भर के किसानों ने हिस्सा लिया. किसानों ने अपनी समस्याओं को मंत्री और अधिकारियों के समक्ष रखा.मंत्री ने आश्वासन दिया कि सरकार किसानों के हित में हर संभव कदम उठाएगी और मिट्टी की सेहत को सुधारने के लिए विशेष योजनाएं लागू की जाएंगी.

कार्यक्रम के अंत में कृषि मंत्री ने मृदा संरक्षण और संतुलित खेती के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि स्वस्थ मिट्टी ही स्वस्थ फसल और समाज का आधार है. उन्होंने किसानों से अनुरोध किया कि वे टिकाऊ खेती की ओर कदम बढ़ाएं और भावी पीढ़ी के लिए धरती को सुरक्षित और उपजाऊ बनाए रखें.

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