अररिया, रंजीत ठाकुर : अररिया सदर अस्पताल के पुराने बिल्डिंग में गुरुवार को दोपहर में अचानक आग लग गई, जिससे परिसर में अफरातफरी मच गई। आग लगने का कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है, लेकिन सवाल यह है कि जिला मुख्यालय से कुछ ही दूरी पर स्थित अस्पताल में आग लगने के दौरान अधिकारी क्या कर रहे थे?
आग बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड की गाड़ियां एक घंटा बाद पहुंचीं, जिससे आग और भी भयानक हो गई। अगर गाड़ियां समय पर पहुंच जातीं, तो आग बुझाने में तुरंत सफलता मिल जाती। स्थानीय प्रशासन की टीम भी पहुंची, जिसमें सदर एसडीएम अनिकेत कुमार और एएसपी रामपुकार शामिल थे। उन्होंने स्थिति का जायजा लिया और आग बुझाने के प्रयासों की निगरानी की।
आग लगने से अस्पताल के कर्मचारियों और मरीजों में दहशत फैल गई। एक महिला कर्मी ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि आग लगने से उनके लिए काम करना मुश्किल हो गया है और उन्हें अपने मरीजों की सुरक्षा को लेकर चिंता है।
अस्पताल प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं कि आखिरकार आग लगने का कारण क्या है और इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा। लोगों का कहना है कि अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के कारण यह घटना हुई है और इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
अब सवाल यह है कि आगे ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे। अस्पताल प्रशासन को चाहिए कि वह आग लगने के कारणों की जांच कराए और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए। लेकिन क्या अधिकारी सच्चाई को दबाने का प्रयास कर रहे हैं? क्या है अररिया जिला के सदर अस्पताल का सचमुच विधि व्यवस्था?
सवाल अधिकारी से:
- आग लगने का कारण क्या है और इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा?
- अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के कारण यह घटना हुई है, इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ क्या कार्रवाई होगी?
- आगे ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे?
- क्या अधिकारी सच्चाई को दबाने का प्रयास कर रहे हैं?
इन सवालों के जवाब जानना आवश्यक है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके और अस्पताल की सुरक्षा और व्यवस्था में सुधार किया जा सके।