पूर्णिया, न्यूज क्राइम 24। जिले के शहरी व ग्रामीण इलाकों में फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) के तहत घर- घर जाकर दवाओं का सेवन कराया जा रहा है। जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ राजेंद्र प्रसाद मंडल ने बताया कि जिलाधिकारी कुंदन कुमार के दिशा निर्देश और सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी के मार्गदर्शन में सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम का संचालन विगत 20 सितंबर से किया जा रहा है। जो आगामी 6 अक्तूबर तक चलेगा। इस कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग को डब्ल्यूएचओ के क्षेत्रीय सलाहकार डॉ दिलीप कुमार, पिरामल स्वास्थ्य के डीपीओ चंदन कुमार, पीसीआई के डीसी राजीव कुमार झा और सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) के नेटवर्क मेंबर का सहयोग मिल रहा है। साथ ही दवा खाने से इनकार करने वाले के बीच जाकर समझाने के बाद पुनः दवा खिलाने में शत प्रतिशत सफ़लता मिल रही है।
एमडीए अभियान में नेटवर्क मेंबर का सहयोग सराहनीय: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी ने बताया कि एमडीए अभियान में नेटवर्क मेंबर की भूमिका काफी सराहनीय है। क्योंकि इन लोगो के द्वारा स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों को दवा खिलाने में सहयोग किया जा रहा है। किसी भी व्यक्ति को फाइलेरिया की दवा खाली पेट नही खानी है। खाली पेट दवा खाने के बाद नींद आना, सिर में भारीपन, चक्कर और जी मचलाने की शिकायत हो सकती है। लेकिन इस तरह की परेशानी सिर्फ एक ही दिन होती है। हालांकि एमडीए अभियान के शुरू होने से पहले ही प्रशिक्षण के दौरान सभी स्वास्थ्य कर्मियों को बताया गया है कि खाली पेट फाइलेरिया की दवाओं का सेवन नहीं कराना है। लाभुक और आशा कार्यकर्ता द्वारा हमेशा यह ध्यान में रखकर ही दवा खिलाया जाना चाहिए। फाइलेरिया जैसी बीमारी से सिर्फ डीईसी व अल्बेंडाजोल की गोली खाकर ही बचा जा सकता है।
फाइलेरिया जैसी बीमारी से बचाव के लिए सिर्फ एक ही इलाज: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी ने बताया कि
फाइलेरिया या हाथीपांव बीमारी में पैर, हाथ, स्तन व वृषण में सूजन आ जाती है। जिस कारण अंग मोटे होकर निष्क्रिय हो जाते हैं। इस बीमारी से बचाव के लिए सिर्फ एक ही इलाज है कि साल में एक बार डीईसी (डाई इथाइल कार्बेमेजाइन) एवं अल्बेंडाजोल दवा खाई जाए। इस बीमारी के उन्मूलन के लिए साल में एक बार अभियान चलता है। अभियान में दो साल से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर बीमार लोगों को छोड़कर सभी को दवा दी जाती है। जिससे शरीर में मौजूद माइक्रो फाइलेरिया को खत्म किया जा सके। फाइलेरिया के संक्रमण से बचने के लिए डीईसी खुराक खाना बेहतर तरीका माना जाता है।
दवा खाने से इंकार करने वाले के बीच नेटवर्क मेंबर करते है प्रेरित: डॉ आरपी मंडल
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ राजेंद्र प्रसाद मंडल ने बताया कि पूर्णिया पूर्व प्रखंड के नेटवर्क मेंबर रंजीत यादव सहित कई अन्य नेटवर्क मेंबर के द्वारा आशा कार्यकर्ताओं के साथ डोर टू डोर भ्रमण कर एमडीए के तहत खिलाई जाने वाली दवा खिलाने में सहयोग कर रहे है। साथ ही अन्य के नगर और कसबा प्रखंड में भी नेटवर्क मेंबर के द्वारा दवा खिलाने में सहयोग किया जा रहा है। खासकर दवा खाने से इंकार करने वाले के बीच जाकर उन्हें प्रेरित कर दवा खिलाने में सराहनीय कदम उठाया जा रहा है। इस तरह का सहयोग पहली बार किसी नेटवर्क मेंबर के द्वारा किया जा रहा है। विगत 20 सितंबर से सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) अभियान के दौरान पहली बार बूथ स्तर पर जिलेवासियों को दवा खिलाना सुनिश्चित किया गया है। इसके लिए जिला मुख्यालय सहित सभी प्रखंड मुख्यालयों के सभी सरकारी और गैर सरकारी कार्यालय, आंगनबाड़ी केंद्र, स्कूल, पंचायत भवन, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सहित मेडिकल कॉलेज का चयन किया गया था। जहां पर स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के द्वारा डोर टू डोर भ्रमण कर दवा खिलायी गयी है। जबकि जिले के अन्य क्षेत्रों में 23 सितंबर से आगामी 6 अक्तूबर तक दवा खिलायी जा रही है।
जिले में अभी तक 22, 34, 806 लोगों को एमडीए के तहत खिलाई गई दवा: डॉ आरपी मंडल
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ मंडल ने बताया कि जिले में अभी तक 22 लाख 34 हज़ार 806 लोगों को एमडीए अभियान के तहत दवा खिलाई गई है। जिसमें शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में 20, 21 और 22 सितंबर को 2, 30, 615 लोगों को बूथ स्तर पर वृहत पैमाने पर सर्वजन दवा सेवन के तहत डीईसी व अल्बेंडाजोल की गोली उम्र के हिसाब से खिलाई गयी है। जिसमें बूथ स्तर पर अमौर में 30879, बैसा में 2773, बायसी में 36567, बनमनखी में 30230, बड़हरा कोठी में 9171, भवानीपुर में 4683, डगरूआ में 8658, धमदाहा में 29690, जलालगढ़ में 11993, कसबा में 14011, के नगर में 15488, पूर्णिया पूर्व में 4173, शहरी क्षेत्र में 7299, रूपौली में 14980 जबकि श्री नगर में 10020 लोगों को एमडीए के तहत दवा खिलायी गयी है। इसके अलावा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में गृह भ्रमण कर दवा खिलाने में स्वास्थ्य कार्यकर्ता अपनी महत्ती भूमिका निभा रहे हैं।