नई दिल्ली

मोटे अनाज से बढ़ेगा रोजगार, किसानों की आर्थिक स्थिति होगी अच्छी

पटना/नई दिल्ली(न्यूज़ क्राइम 24): दिल्ली भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की 94वीं वार्षिक आम सभा की बैठक का उद्घाटन करते हुए केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर कहा कि देश के लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत सरकार के प्रयास से वर्ष 2023 को दुनिया भर में मोटा अनाज वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है।

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद विश्व की सबसे बड़ी संस्था हो चुकी है जहाँ 113 रिसर्च अनुसंधान केन्द्र ,74 यूनिवर्सिटी एवं 731 किसान विज्ञान केंद्र स्थित है। आज कृषि में पचास मिलियन डॉलर का निर्यात किया जा रहा है ।मोटा अनाज पोषक तत्वों से भरपूर एवं सुपाच्य और लाभकारी भी है। पर्यावरण के लिहाज़ से भी यह सुरक्षित है ।

श्री तोमर ने कहा कि बिहार के लोग मेहनती होते हैं। और इन्हें परंपरागत रूप से भी मोटे अनाज उपजाना खाना पसंद है ।लेकिन इसके लिए फ़िलहाल राज्य सरकार ने कोई प्रोत्साहन योजना नहीं बनायी है। मोटे अनाज की माँग कम होने के कारण प्रदेश में बहूत ही कम सिर्फ़ 12 से 15 हज़ार हेक्टेयर में मोटे अनाज की खेती होती है। इसको आगे बढ़ाने के लिए संस्करण प्रोसेसिंग इंडस्ट्री को विकसित करना होगा।

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भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के जनरल बॉडी सदस्य संजीव कुमार यादव ने बताया कि बिहार में मोटे अनाज की प्रोसेसिंग इंडस्ट्री अति आवश्यक है सरकार इसकी प्रोसेसिंग की व्यवस्था करें ।और बड़ा बाज़ार उपलब्ध कराए तो किसानों की आर्थिक स्थिति अच्छी होगी। क्योंकि मोटे अनाज खाने से अधिकतर बीमारियां दूर रखती है और ग़रीब किसानों का पैसा बीमारी पर ख़र्च होने से बच जाता है ।जहाँ सिंचाई की सुविधा कम हो वहाँ मोटे अनाज की खेती असानी से की जा सकती है।

बिहार के गंगा तटवर्ती इलाक़े मोटे अनाज की खेती जैसे बाजरा, रागी ,मरुआ ,कोदो जैसे उत्पादन के लिए उपयुक्त है। बिहार पहले से मक्का, मखाना, मशरूम उत्पादन में देश में नंबर वन है। श्री यादव ने वताया की केंद्र सरकार के बजट में मोटे अनाज को बढ़ावा देने की बात कही गई है। इससे आने वाले बिहार में मोटा अनाज की असीम संभावना है। यदि राज सरकार सहयोग करें तो मोटे अनाज उपजाने की योजना लागू होगी। किसानों की आय बढ़ेगी और इसे और प्रोसेसिंग उद्योग में रोज़गार सृजन होगा।

इस मौक़े पर मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला,महाराष्ट्र के कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार , उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही एवं हिमाचल प्रदेश के कृषि मंत्री चंदन कुमार भी उपस्थित थे।

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