बिहार

दो साल की मासूम से दरिंदगी, आरोपी को पुलिस ने दो लात मार भगाया, दो थानों की सीमा में फंसे रहे परिजन

फुलवारीशरीफ, अजित। हवस की आग में इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली घटना ने पटना को एक बार फिर झकझोर कर रख दिया है. केंद्र व राज्य सरकार चाहे लाख महिला सशक्तिकरण नारी उत्थान बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना लाकर लोगों को महिलाओं को सम्मान देने के लिए जागरूक करें.करोड़ों रुपया खर्च किए गए हैं महिलाओं के सम्मान बेटियों को सम्मान देने के लिए लेकिन पटना के जब जिम्मेदार पुलिस प्रशासन के लोग ही ऐसी लापरवाही बरतेंगे तो और लोगों से क्या उम्मीद की जा सकती है.

क्या इन मासूम के साथ दरिंदगी बरतने वालों के खिलाफ नरमी और लापरवाही बरतने वाले पुलिस के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ शक्ति कार्रवाई सरकार करेगी. बता दें कि गोपालपुर और अगमकुंआ थाना क्षेत्र की सीमा पर एक 50 वर्षीय दरिंदे ने महज दो साल की मासूम को अपनी हैवानियत का शिकार बना डाला. हद तो तब हो गई कि जब परिजनों के द्वारा कुकर्मी आरोपी को पकड़कर पुलिस को सोपा गया तो पुलिस ने दो लात मार कर उसे भगा दिया. राजधानी पटना में पुलिस की ऐसी शर्मनाक हरकत से लोग शर्मिंदा तो है लेकिन लोगों का क्रोध भड़क सकता है।

परिवार के लोगों ने पुलिस को बताया कि मासूम अपने झोपड़ीनुमा घर में रात के करीब आठ बजे सो रही थी. तभी पड़ोस में रहने वाला 50 वर्षीय व्यक्ति अचानक पहुंचा और बच्ची को गोद में उठाकर अपने घर ले गया. पड़ोसी होने की वजह से परिवार को शक नहीं हुआ. लेकिन कुछ ही देर बाद बच्ची की दर्दनाक चीख सुनकर माता-पिता दौड़े तो नज़ारा देखकर उनके होश उड़ गए. मासूम खून से लथपथ हालत में पड़ी थी.परिजनों ने आरोपी को पकड़ लिया और तुरंत अगमकुंआ थाने को सूचना दी. लेकिन जो हुआ वह पुलिस की संवेदनहीनता की इंतहा थी. अगमकुंआ थाने की टीम मौके पर पहुंची, आरोपी को देखा, दो लात मारा और फरियादियों से कहा—”यह हमारे थाना क्षेत्र का मामला नहीं है.” फिर आराम से निकल गई. आरोपी मौके से फरार हो गया और मासूम की हालत बिगड़ती चली गई।

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किसी तरह यह जानकारी गोपालपुर थाने तक पहुंची. जब तक पुलिस वहां पहुंची, मासूम बेहोश हो चुकी थी. तुरंत उसे एनएमसीएच ले जाया गया, जहां हालत गंभीर बनी हुई है.घटना के बाद से इलाके में जबरदस्त आक्रोश है. लोगों का कहना है कि अगर समय पर पुलिस कार्रवाई करती, तो आरोपी गिरफ्तार होता और बच्ची को बेहतर इलाज मिल पाता। थानाध्यक्ष, गोपालपुर ने मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि वारदात अगमकुंआ और गोपालपुर थाने की सीमा पर हुई है. उन्होंने यह भी माना कि अगमकुंआ थाने की पुलिस आरोपी को मौके पर छोड़कर निकल गई।

फिलहाल पुलिस आरोपी की तलाश में छापेमारी कर रही है. लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही है—जब कानून की रखवाली करने वाली वर्दी खुद जिम्मेदारी से भागे, तो आमजन किससे न्याय की उम्मीद करे।

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