अररिया(रंजीत ठाकुर): फारबिसगंज प्रखंड क्षेत्र के पिपराघाट के रिंग बांध जो 2017 में आई प्रलयकारी बाढ़ में 12 अगस्त को टूट गया था, जिसका मरम्मत कार्य 4 साल के बाद जल संसाधन विभाग के द्वारा किया जा रहा है। जो लगभग पूरा कर लिया गया है। लेकिन ग्रामीणों के अनुसार बांध निर्माण कार्य में मिट्टी की जगह बालू का उपयोग किया गया है, जो बारिश आने से खभरना शुरू हो गया था, जिसे पुनः मरम्मत कर लिया गया हैं, लेकिन ग्रामीणों में जहां बांध निर्माण से खुशी का माहौल है।वहीं बालू से तैयार होने तथा बारिश में खभरने के कारण लोगों में डर समा रहा है जिस तरह 4 साल तक बाढ़ का दंत झेलना पड़ा है? क्या उनसे निजात मिलेगा या नहीं, क्योंकि बरसात में हर समय बांध का मरम्मत नहीं हो पाएगा.
तटबंध की गुणवत्ता के जांच के लिए पहुंचे जिला पदाधिकारी
गुरुवार 3जून को जिला पदाधिकारी अररिया,प्रशांत कुमार सी एच ने फारबिसगंज प्रखंड स्थित पिपराघाट में हुए तटबंध का निर्माण कार्य की गुणवत्ता का निरीक्षण किया, उन्होंने बारीकी से सभी चीजों की एक एक कर जानकारी लिया स्थानीय ग्रामीणों से भी जानकारी लिए 2017 में कहां तक पानी था तटबंध कितना ऊंचा होना चाहिए, लोगों का क्या क्या परेशानियां है इन सभी बातों का जायजा लिये।
गुणवत्ता के संबंध में क्या कहा जिला पदाधिकारी:-
जिला पदाधिकारी ने कहा बांध के गुणवत्ता में जो भी कमी है उसको अभिलंब ठीक करने का हिदायत दिया गया। और जो भी छोटे-मोटे कमियां हैं उसे सुधारने को कहा गया है। बांध में लगाये गए मिट्टी भी लिया गया है जिसे जांच के लिए भेजा जाएगा मिट्टी है या बालू, उन्होंने कहा एडजेक्टिव इंजीनियर के द्वारा आश्वासन दिया गया है कि बांध बांधकर कार्य 1 सप्ताह के अंदर पूरा कर लिया जाएगा जिससे पिपरा सहित आसपास के ग्रामीणों को बाढ़ से कुछ राहत मिलेगा.
इस मौके पर जिला पदाधिकारी के अलावा फारबिसगंज अनुमंडल पदाधिकारी सुरेंद्र कुमार अलबेला, फारबिसगंज प्रखंड विकास पदाधिकारी अमित आनंद, अंचल पदाधिकारी संजीव कुमार, बाढ़ नियंत्रण विभाग के एसडीओ प्रमोद कुमार भारती, एच टी एन ओ गोकुल कुमार दास, जोगबनी थाना प्रभारी आफताब आलम, रीप्रजेंट संवेदक कौशल कुमार, पिपरा पंचायत के मुखिया दीपचंद साह, ग्रामीण चंदन कुमार, विकास सिंह, प्रमोद कुमार, मोहम्मद रियाज सहित सैकड़ों लोग उपस्थित थे।