नई दिल्ली, (न्यूज़ क्राइम 24) केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव और उभरते ‘नये एवं जटिल खतरों’ को देखते हुए देशभर में सुरक्षा सतर्कता बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 7 मई को मॉक ड्रिल आयोजित करने का निर्देश दिया है।
गृह मंत्रालय की ओर से राज्यों के मुख्य सचिवों को भेजे गए परिपत्र में कहा गया है कि इस अभ्यास का उद्देश्य नागरिक सुरक्षा और आपदा प्रबंधन के उपायों को परखना और मजबूत बनाना है। मॉक ड्रिल के दौरान हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरनों का परीक्षण, नागरिकों को आपात स्थिति में सुरक्षित रहने की जानकारी देना, बंकरों एवं खाइयों की सफाई जैसे उपाय शामिल होंगे।
इन स्थानों पर लगाए जाते हैं युद्ध सायरन:
जंग या आपदा जैसी गंभीर परिस्थितियों में चेतावनी देने वाले सायरन आमतौर पर निम्न स्थानों पर स्थापित किए जाते हैं:
प्रशासनिक भवनों एवं सरकारी कार्यालयों में
पुलिस मुख्यालय और अग्निशमन केंद्रों में
सैन्य ठिकानों एवं शिविरों में
भीड़भाड़ वाले सार्वजनिक स्थानों पर
दिल्ली, नोएडा जैसे संवेदनशील शहरी क्षेत्रों में
कैसा होता है युद्ध सायरन?
यह एक विशेष प्रकार की चेतावनी प्रणाली होती है, जिसकी आवाज सामान्य हॉर्न या एंबुलेंस से काफी अलग होती है।
इसकी आवाज तेज (120-140 डेसिबल) और कंपनयुक्त होती है
2 से 5 किलोमीटर की दूरी तक स्पष्ट सुनाई देती है
इसका साउंड पैटर्न साइक्लिक होता है – यानी आवाज धीरे-धीरे तेज होती है और फिर घटती है
इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को खतरे की जानकारी देना और समय रहते सुरक्षात्मक कदम उठाने के लिए प्रेरित करना होता है।
गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि मौजूदा हालातों में नागरिक सतर्कता और त्वरित प्रतिक्रिया प्रणाली को मजबूत करना समय की मांग है।