बिहार

जाति जनगणना का फैसला दलित-पिछड़ों की ऐतिहासिक जीत, वक्फ संशोधन कानून को बताया संविधान विरोधी

फुलवारीशरीफ, अजित। केंद्र सरकार द्वारा जातिगत जनगणना कराने के फैसले को भाकपा (माले) के विधायक गोपाल रविदास ने दलित-पिछड़ी जनता की ऐतिहासिक जीत बताया है। उन्होंने कहा कि यह वर्षों से उपेक्षित वर्गों की सामाजिक हिस्सेदारी तय करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

इसी क्रम में शनिवार को वक्फ संशोधन कानून के विरोध में भाकपा (माले) एवं इंसाफ मंच के संयुक्त तत्वावधान में पटना में विरोध मार्च निकाला गया।

मार्च जी.पी.ओ. गोलंबर से शुरू होकर पटना जंक्शन होते हुए बुद्धा स्मृति पार्क तक गया। मार्च का नेतृत्व फुलवारीशरीफ के विधायक गोपाल रविदास, बलरामपुर के विधायक व माले विधायक दल के नेता महबूब आलम, पटना महानगर सचिव अभ्युदय ने किया। मार्च के दौरान “वक्फ संशोधन कानून रद्द करो”, “नफरत और युद्धोन्माद के खिलाफ एकजुट हो” जैसे नारे लगाते हुए कार्यकर्ताओं ने जनता को जागरूक किया।

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सभा को संबोधित करते हुए विधायक गोपाल रविदास ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लाया गया वक्फ संशोधन कानून संविधान विरोधी है और अल्पसंख्यक समुदाय की संपत्तियों को हड़पने की साजिश है. उन्होंने इसे काला कानून बताया और कहा कि जैसे तीन कृषि कानूनों को सरकार को वापस लेना पड़ा, वैसे ही यह कानून भी जनदबाव में रद्द होगा. उन्होंने पहलगाम की उस घटना का भी ज़िक्र किया जिसमें 28 निर्दोष नागरिकों की मौत हुई थी और सरकार आज तक केवल जाँच के नाम पर लीपापोती करती रही है. सभा में शहीद नागरिकों की स्मृति में दो मिनट का मौन रखा गया।

इस प्रदर्शन में विधायक महबूब आलम, अभ्युदय, जीतेंद्र, शहजादे आलम, विभा गुप्ता, अनुराधा, पूनित पाठक, विनय जी, जय प्रकाश पासवान, साधू शरण, कमलेश, महताब खान, देवी लाल, प्रमोद सहित भाकपा (माले) और इंसाफ मंच के कई नेता व कार्यकर्ता शामिल थे।

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