अररिया(रंजीत ठाकुर): कार्यपालक सहायकों के अनिश्चित कालीन हड़ताल का आज आठवें दिन भी सरकार और बीपीएसएम के विरोध में समाहरणालय स्थित धरना स्थल पर कार्यपालक सहायक जमे रहे।
कार्यपालक सहायक ने अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर डटे रहे। उन्होंने बताया किहमलोगों के द्वारा बिहार सरकार का कार्यों को डिजीटल युग में पहुचाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, चाहे आरटीपीएस हो, लोक शिकायत हो, पंचायत के महत्व योजना या निर्वाचन का कार्य हो, ज़िला से लेकर पंचायत के वार्ड तक हमलोगों के द्वारा भूमिका निभाई जाती है,पर सरकार के द्वारा हमारे कार्यों को नजरअंदाज करते हुए हमें बेलट्रोंन के हाथों बेचना चाहती है,जिसका हम भरपूर विरोध करते है और अपनी जायज़ मांगो को लेकर धरना स्थल पर अबतक बने हुए हैं.
आज के दिन जब सरकार बिहार दिवस मना रही है,तो हम अपनी मांगो को लेकर धरना स्थल पर बने हुए है। ऐसे में सरकार द्वारा हमारी काबिलियत को नजरअंदाज किया गया है।
उक्त बातें कार्यपालक सहायक संघ के ज़िलाध्यक्ष मनीष कुमार ठाकुर ने मंच का संचालन करते हुए कही।
अलोक कुमार झा ने कहा कि बिहार राज्य के संघ द्वारा मांगो को बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन सोसाइटी की दिनांक 05.02.2021 को आयोजित 29 वीं बैठक की कार्यावली की कंडिका 06, 07, 08, 09 में लिए गये निर्णय को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाय, जिसमें सरकार हमलोगों को आउटसोर्सोंगिंग करने की मंशा रखती है.
कार्यपालक सहायक के निमित उच्च स्तरीय समिति की अनुशंसाओं को मुलभुत रूप से लागू किया जाय सभी कार्यमुक्त कार्यपालक सहायक को समायोजित करना, न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता इंटर करना और उसको स्थाई करने के साथ अपनी मांगो के समर्थन में अपनी बात रखी।
ज़िला इकाई के सचिव मनीष कश्यप ने बताया कि सरकार का निर्णय कार्यपालक सहायकों के विरुद्ध है, बेल्ट्रोन के सौंपने का उनका निर्णय कमीशनखोरी को बढ़ावा देगा।
मौके पर सुमित कुमार, मो० सुब्हान, मुकेश, निखिल, नरेंद्र कुमार नीरज, रोहन कुमार, आदित्य झा, रूपेश कुमार, वर्षा रानी, खुशबू कुमार, नेहा मिश्रा, सोनी कुमारी, दीपा मजूमदार, रूबी कुमारी, सोनिका, विनीता कुमारी, राखी कुमारी, बंदना कुमारी, प्रीति कुमारी सहित सैकड़ों कार्यपालक सहायक मौजूद थे।
बताते चलें कि पिछले 8 दिनों से लगातार कार्यपालक सहायकों की हड़ताल के कारण कामकाज ठप है, जिससे आम लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सरकार को जल्द ही इस पर कोई निर्णय लेते हुए कार्यपालक सहायकों की हड़ताल खत्म करानी चाहिए।