पटनासिटी, (न्यूज़ क्राइम 24) महाविद्यालय में प्राचार्या प्रो०(डा०) पूनम के नेतृत्व में एलुमनाई एसोसिएशन के सचिव नृत्याचार्या डॉ. नगेन्द्र प्रसाद ‘मोहिनी’ की शिष्या अनिशा कुमारी ने कथक नृत्य की निःशुल्क प्रशिक्षण प्रदान कर छात्राओं का मनोबल बढ़ाया। प्राचार्या प्रो०(डा०) पूनम के द्वारा पूर्वर्ती छात्राओं के द्वारा गायन, वादन, नृत्य की निःशुल्क पर प्रशिक्षण दिया जायेगा, प्राचार्या के द्वारा ये नवीकरण सराहनीय है। अनिशा कुमारी ने सर्वप्रथम नृत्य में प्रणाम, तीनों घरानों (लखनऊ, जयपुर, बनारस) की जानकारी देते हुए कहा कि कथक नृत्य में एक पारंपरिक और सांस्कृतिक विरासत है जो इसे भारतीय शास्त्रीय नृत्य शैली का दर्जा देती है।
कथक गुरु-शिष्य परंपरा या शिक्षक-शिष्य परंपरा पर पनपता है,इसके साथ- साथ ताल का परिचय देते हुए नृत्य में ताल एवं पैरों में बांधे जानेवाले घघुँघरुओं की विशेषताओं के साथ पढन्त में ठाह, दुगुन ,चौगुन की हाथों पर ठेके के साथ वंदना, तत्कार, आमद,सलामी,तोड़ा, टुकड़ा, परण, चक्कर, हश्त-मुद्रा ,तथा नौ रसों के साथ छात्राओं को शिक्षा प्रदान की। और उन्होंने बतलाया कि घुंघरू का नृत्य के लयबद्ध पहलुओं को निखारने का काम करते हैं और दर्शकों को जटिल फुटवर्क सुनने की अनुमति देते हैं कथक नृत्य में वंदना की विशेष भूमिका बताते हुए कहा कि किसी भी शास्त्रीय नृत्य प्रदर्शन की शुरुआत ईश्वर को स्मरण करके की जाती हैं। नृत्य के प्रारंभ में शिव ,गणेश या अपने गुरु की वंदना गायी जाती है।
एलुमनाई एसोसिएशन की अध्यक्ष सरोज जयसवाल ने इस अवसर पर प्राचार्या को धन्यवाद करते हुए कहा कि पूर्वर्ती छात्र का जो संघ है लगातार इस तरह का प्रशिक्षण करता रहेगा। कार्यक्रम में 10 छात्राएँ उपस्थित थीं। इनमें से काजोल, इशिका, रीना, रोहिणी, खुशबू, खुशी प्रिया, मैत्री, मोनिका, अक्षरा,अमृता इन छात्राओं को कथक नृत्य के प्रशिक्षण के लिए चुना गया। इस उपलक्ष्य पर महाविद्यालय के सभी शिक्षकगण उपस्थित थे।