अररिया, रंजीत ठाकुर : टीकाकरण न केवल गंभीर जानलेवा बीमारियों से बचाव का माध्यम है, बल्कि यह एक स्वस्थ समाज की मजबूत नींव है। यह बच्चों को जानलेवा संक्रमण से बचाता है। माताओं को सुरक्षित करता है व महामारी की रोकथाम में अहम भूमिका निभाता है। इसलिये टीका को मानव जीवन की रक्षा का सबसे सरल व प्रभावी उपाय माना जाता है। वैश्विक स्तर पर टीकाकरण के महत्व को उजागर करने, इसके महत्व के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाने व हर बच्चे व महिलाओं तक सभी जीवन रक्षक टीकों की समय पर पहुंच सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से हर साल अप्रैल महीने का अंतिम सप्ताह विश्व टीकाकरण सप्ताह के रूप में मनाया जाता है।
इस वर्ष 26 से 30 अप्रैल के बीच विश्व टीकाकरण सप्ताह जीवन रक्षक टीका, अब सभी के लिये सुलभ व संभव है की थीम पर मनाया जा रहा है। अररिया जैसे सामाजिक व आर्थिक रूप से पिछड़े बिहार के इस सीमावर्ती जिले में विश्व टीकाकरण सप्ताह विशेष मायने रखता है। जहां स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ी चुनौतीपूर्ण स्थिति के बावजूद टीकाकरण कार्यक्रम में निरंतर सुधार जारी है।
शत-प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित कराना हमारा लक्ष्य
जिले में सामुदायिक स्वास्थ्य की बेहतरी में राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम की सफलता का महत्वपूर्ण योगदान है। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ मोईज ने कहा कि गरीबी, अशिक्षा सहित सहित अन्य पूर्वाग्रहों की वजह कुछ इलाकों में इसकी स्वीकार्यता को लेकर अभी भी विरोधाभास है। लेकिन स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का अथक प्रयास व समुदाय स्तर से प्राप्त सहयोग से अभियान निरंतर मजबूत हो रहा है। नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के तहत गर्भवती महिला व नवजात को टीबी, पोलियो, डिप्थीरिया, टेटनस, खसरा, रूबेला सहित अन्य रोगों से बचाव के लिये टीका लगाये जा रहे हैं।
हमारी आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, एएनएम घर-घर भ्रमण कर यह सुनिश्चित कर रही हैं कि कोई बच्चा व महिला टीका से वंचित न रह जाये। विशेष टीकाकरण सत्र के माध्यम से दूर-दराज के इलाकों तक टीकाकरण से जुड़ी सेवाएं पहुंचाई जा रही है। यही कारण है कि पूर्ण टीकाकरण मामले में जिले की उपलब्धि 94.2 व संपूर्ण टीकाकरण मामले में जिले की उपलब्धि 85.7 फीसदी के करीब है। इस शत-प्रतिशत पहुंचाने की हमारी मुहिम जारी है।
हर माता-पिता की प्राथमिकता होना चाहिये टीकाकरण
सिविल सर्जन डॉ केके कश्यप ने कहा कि विश्व टीकाकरण सप्ताह टीकाकरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने व जिले में हर बच्चे व महिला को टीकाकरण के दायरे में लाने के संकल्प को दोहराने का उचित अवसर है। उन्होंने कहा टीकाकरण हर माता-पिता के प्राथमिकताओं में शुमार होना चाहिये। उन्होंने कहा कि टीकाकरण मामले में हम निरंतर बेहतर कर रहे हैं। स्थानीय धार्मिक नेता, शिक्षक, स्वयंसेवी संगठन टीका को लेकर लोगों में विश्वास बहाल करने में हमारा सहयोग कर रहे हैं। वहीं यूनिसेफ व डब्ल्यूएचओ जैसी वैश्विक संस्था स्थानीय धार्मिक नेता, शिक्षक, और स्वयंसेवी संगठन भी सहयोग कर रहे हैं वहीं यूनिसेफ, उब्ल्यूएचओ जैसे वैश्विक संस्था के सहयोग से प्रशिक्षण, जन-जागरूकता अभियान व टीकाकरण कार्यक्रम की निगरानी तंत्र अधिक प्रभावी है।