उत्तरप्रदेश

पति की दीर्घायु के लिए महिलाओं ने रखा सोमवती व्रत

बलिया(संजय कुमार तिवारी): रतसर हिन्दू धर्म में धार्मिक त्यौहारों का विशेष महत्व है। हर एक धार्मिक त्योहारों को बड़ी ही श्रद्धाभाव के साथ मनाए जाते है। इस साल सोमवती अमावस्या प्रात:8 बजकर 1 मिनट तक थी। अध्यात्मवेता पं० भरत पाण्डेय ने बताया कि इस साल की यह पहली और आखिरी सोमवती अमावस्या है। इस दिन किया गया दान प्रत्यक्ष रूप से पितरों तक पहुंचता है। सोमवती अमावस्या के पर पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व है पर वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण को लेकर यह सम्भव नही हो सका। इसलिए अधिकांश श्रद्धालु घर पर ही नहाने के पानी से गंगाजल मिलाकर स्नान किया। सोमवार को प्रातःकाल ही महिलाओं ने भगवान शिव व देवी पार्वती की दिन भर उपवास व्रत रखकर पूजा की। उन्होंने बताया कि भक्त भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करते है। इस दिन शांतिपूर्ण जीवन के लिए देवताओं को प्रसन्न करने के लिए उपवास किया जाता है। इस दिन बुद्ध,गुरू और शनि अपनी-अपनी राशियों में रहते है। अगर इस दिन कोई अविवाहित कन्या व्रत करे तो उसे अच्छा वर प्राप्त होता है। इसके साथ ही संतान प्राप्ति के लिए भी यह व्रत बेहद फलदायी होता है। इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती सभी की मनोकामना पूरी करते है जो उनकी पूजा करते है। उन्होनें बताया कि सोमवती अमावस्या के दिन सुहागिनें अपनी पति की लम्बी आयु के लिए व्रत रखती है। साथ ही इस दिन पितरों का तर्पण भी किया जाता है। ऐसा करने से व्यक्ति को पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस दिन दान करने से घर में सुख शांति व खुशहाली आती है।

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