झारखण्ड

ड्रोन मैपिंग से जिला प्रशासन गांवों में कहां पानी की सुविधा और कहां लगा है कचरे का अंबार

धनबाद(न्यूज साभार): तकनीकी विकास केवल आम आदमी की निजी जरूरतों को ही पूरा नहीं करता, बल्कि इसके इस्तेमाल से विकास कार्यों को भी गति देने में भरपूर मदद मिलती है।तकनीकी विकास के इन्हीं लाभों को देखते हुए अब धनबाद जिला ग्रामीण विकास अभिकरण ग्रामीण विकास के क्षेत्र में इन तकनीकों को अपनाने का मन बनाया है। इनका इस्तेमाल कर विभाग अब विकास की नई इबारत लिखने के लिए तैयार है। इसके लिए विभाग ने पूरे जिले की ड्रोन मैपिंग कराने का फैसला किया है। इसके अलावा जियोग्राफिक्स इंफोर्मेशन सिस्टम मैपिंग भी कराने के लिए विभाग ने अपनी सहमति दे दी है। इससे पूरे जिले के गांवों की भौगोलिक स्थिति का पता चल सकेगा, जिससे खेती-किसानी, सिंचाई, कचरा प्रबंधन के अलावा ताल तलैयों की स्थिति और उनके रख रखाव की योजना बनाने में भरपूर मदद मिलेगी। साथ ही उन योजनाओं पर चल रहे कामों पर नजर रखने में भी आसानी हो जाएगी।इसकी जानकारी देते हुए जिले के उप विकास आयुक्त शशि प्रकाश सिंह ने बताया कि इन तकनीकों के प्रयोग से डोभा, तालाब, पोखर या सिंचाई के अन्य साधनों का कम से कम समय में आसानी से पता लगाया जा सकता है। साथ ही अतिरिक्त व्यवस्था करने की तैयारियों में भी भरपूर मदद मिलेगी। जल संग्रह करने के लिए अपनाए जानेवालों तरीकों को लागू करने के अलावा उनका अन्य कामों में बेहतर इस्तेमाल किया जा सकेगा।

डीडीसी ने बताया कि इसको लेकर धनबाद में ही पले-बढ़े एक युवा गौरव प्रताप ने प्रस्ताव दिया है। इस संबंध में पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन भी उन्होंने हमारे सामने प्रस्‍तुत किया है। इस प्रस्ताव के माध्यम से उन्होंने कई बातों को बताया। खासकर खेती में इसके बेहतर प्रयोग को दिखाया। फसल लगाने से लेकर उनके सिंचाई की व्यवस्था और फसल काटने के समय निर्धारण तक में इस तकनीक के उपयोग को प्रताप ने अपने प्रेजेंटेशन के माध्यम से दिखाया।

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इन तकनीकों से प्रभावित डीडीसी सिंह कहते हैं कि ये तकनीक अमृत सरोवर योजना के सफल क्रियान्वयन के अलावा आदर्श गांव के लिए चल रही योजनाओं और कचरा प्रबंधन के सफल क्रियान्वयन में काफी मददगार हो सकता है, क्योंकि ड्रोन मैपिंग से चीजों को बेहतर तरीके से समझने और लागू करने में आसानी होगी। खासकर उन दूरूह इलाकों में यह तकनीक काफी कारगर साबित होगी, जहां जाना मानव के लिए आसान नहीं होगा। जल्द ही जिला के सभी 1206 गांवाें की मैंपिंग कराई जाएगी। इसके बाद हरेक गांव के विकास के लिए अलग अलग प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कर सरकार को अनुमोदन के लिए भेजी जाएगी।

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