फुलवारीशरीफ, अजित। दानवीर भामाशाह जयंती के अवसर पर भारतीय लोकहित पार्टी द्वारा वैश्य-व्यापारी-कारोबारी सम्मान समारोह का आयोजन भव्य रूप में किया गया. इस गरिमामय कार्यक्रम की अध्यक्षता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरुदेव श्री प्रेम ने की. समारोह की शुरुआत माता-पिता, गुरुजन और दानवीर भामाशाह की वंदना-प्रार्थना से हुई, जिसने समरसता और प्रेरणा का माहौल बना दिया।
कार्यक्रम में जहानाबाद, गया, नालंदा और पटना जिलों से आए वैश्य समाज के बुद्धिजीवियों, व्यापारियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भाग लिया. वक्ताओं ने एक सुर में कहा कि देश की अधिकतर राजनीतिक पार्टियां जातीय आधार पर बनी हैं और वैश्य समाज से केवल वोट लेकर उनके हितों की उपेक्षा करती हैं।
गुरुदेव श्री प्रेम ने अपने संबोधन में कहा कि वैश्य समाज देश के राजस्व में सबसे बड़ा योगदान देता है, लेकिन शासन-प्रशासन से उसे अपेक्षित सम्मान और सुरक्षा नहीं मिलती. उन्होंने सभी वैश्य व्यापारी-कारोबारियों से भारतीय लोकहित पार्टी के बैनर तले संगठित होकर समाज की राजनीतिक भागीदारी सुनिश्चित करने का आह्वान किया. उन्होंने यह भी बताया कि वैश्य थाना की मांग को केंद्र और राज्य सरकार ने स्वीकार कर लिया है, जो समाज की बड़ी जीत है।
इस मौके पर किंजर (अरवल) के मुखिया अशोक गुप्ता, जहानाबाद के शंकर कुमार केसरी, गया की वंदना बर्नवाल,घोसी के शैलेन्द्र साहू, खिजरसराय के रंजीत मुखिया और राजगीर के सुनील प्रसाद जैसे वक्ताओं ने वैश्य समाज की दशा और दिशा पर खुलकर विचार रखे. इन सभी ने कहा कि वर्षों से वैश्य समाज को एक सशक्त राजनीतिक मंच की आवश्यकता थी, जो अब भारतीय लोकहित पार्टी के रूप में पूरी हो रही है। कार्यक्रम का समापन वैश्य समाज की एकता, सम्मान और राजनीतिक जागरूकता के संकल्प के साथ किया गया. सभी वक्ताओं ने आश्वस्त किया कि अब वैश्य समाज की आवाज़ बुलंद होगी और उन्हें उनका अधिकार मिलेगा।
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