बिहार

जिला प्रोग्राम पदाधिकारी, आईसीडीएस द्वारा विभाग के विभिन्न निकायों में नियोजन कार्यों में शिथिलता बरतने के कारण जिलाधिकारी द्वारा स्पष्टीकरण किया गया

पटना, (न्यूज़ क्राइम 24) जिलाधिकारी पटना डॉ. चंद्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में आज पटना समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में कल्याण विभाग, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, समाज कल्याण, आईसीडीएस, दिव्यांगजन सशक्तिकरण, सामाजिक सुरक्षा, कला एवं संस्कृति तथा श्रम संसाधन विभाग की समीक्षात्मक बैठक की गई । बैठक में उन्होंने उक्त विभागों द्वारा संचालित योजनाओं की विस्तार से समीक्षा करते हुए आवश्यक निदेश दिया।

बैठक में जिलाधिकारी द्वारा जिला प्रोग्राम कार्यालय आईसीडीएस अंतर्गत महिला पर्यवेक्षिका नियोजन, सेविका/सहायिका के चयन, आँगनबाड़ी केन्द्र निर्माण हेतु भूमि की उपलब्धता, आँगनबाड़ी केन्द्रों पर पेयजल, शौचालय, विद्युत की सुविधा, पोषण ट्रैकर के अनुसार केन्द्र खुलने की स्थिति एवं प्रधान मंत्री मातृ वंदन योजना की विस्तृत समीक्षा की गई। समीक्षा के क्रम में यह पाया गया कि जिला प्रोग्राम पदाधिकारी आईसीडीएस द्वारा विभिन्न योजनाओं के लंबित नियोजन में विलंब किया जा रहा है। नियोजन कार्य प्रभावित होने के कारण जिलाधिकारी द्वारा जिला प्रोग्राम पदाधिकारी आईसीडीएस से स्पष्टीकरण की गई। साथ ही बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, नौबतपुर से भी आंगनवाड़ी केंद्रों के खुलने का नियमित अनुश्रवण नहीं करने के कारण जिलाधिकारी द्वारा स्पष्टीकरण किया गया।

बैठक में महिला एवं बाल विकास निगम अंतर्गत वन स्टॉप सेंटर, सखी वन स्टॉप सेंटर का भवन निर्माण की स्थिति, पालना घर का संचालन, कामकाजी महिला छात्रावास की स्थापना की स्थिति, अल्पावास गृह की स्थापना एवं संचालन की स्थिति, रक्षा गृह की स्थापना एवं संचालन की स्थिति एवं बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना की समीक्षा की गई। उन्होंने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना का उपयोगिता प्रमाण-पत्र निर्गत करने का निदेश दिया।

सामाजिक सुरक्षा के समीक्षा के क्रम में सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा द्वारा कबीर अंत्येष्टि अनुदान योजना की प्रगति के संबंध में विस्तार से बताया गया, इस योजना में बीपीएल परिवार की किसी भी सदस्य की मृत्यु पर 3 हज़ार रुपया की अनुदान राशि निकटतम परिजनों को मिलने का प्रावधान है। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया इस योजना का नियमित अनुश्रवण कर दो सप्ताह में निष्पादन सुनिश्चित करें। समीक्षा के क्रम में राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना एवं मुख्यमंत्री पारिवारिक लाभ योजना कि आवेदनों को भी 2 सप्ताह के भीतर जाँच कर ब्लॉक लेवल से निष्पादित करने का निर्देश दिया गया है। विदित हो कि इन योजनाओं को मृत्यु उपरांत मृतक के परिजनों को 20 हज़ार रूपये की राशि दी जाती है इनका गहन अनुश्रवण ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफ़िसर द्वारा नियमित रूप से करना अनिवार्य हैं।

सहायक, निदेशक, जिला बाल संरक्षण इकाई, पटना द्वारा जिलाधिकारी को अवगत कराया गया कि पटना जिला अंतर्गत 10 बाल देख-रेख संस्थान संचालित है, जिसमे संकट ग्रस्त बच्चो को सुरक्षा एवं संरक्षण करने हेतु आवासन कराया जाता है। पटना जिला अंतर्गत दो विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान संचालित है जहाँ 0-06 वर्ष आयु तक के संकटग्रस्त बच्चो को आवासन कराया जाता है । पटना जिला मे वर्ष 2021-22 से अब-तक 78 बच्चो को दत्तक ग्रहण कराया गया है। पटना जिला में एक पर्यवेक्षण गृह एवं विशेष गृह संचालित है जिसमें विधि विवादित किशोरों को आवासन कराया जाता है । पटना जिला में अबतक 1068 लाभुको को परवरिश योजना से जोड़ा गया है। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में अबतक 32441 लाभुको को लाभ दिया गया है। प्रयोजन (sponsorship) योजना से 720 लाभुको को जोड़ा गया है एवं प्रत्येक माह 4000/- रूपये की राशि प्रत्येक लाभुको को दी जा रही है। ट्रांसजेंडर कल्याण हेतु जिला बाल संरक्षण इकाई, पटना द्वारा अब तक 188 पहचानपत्र निर्गत किये जा चुके है। पश्चातवर्ती देखभाल (Aftercare Scheme) योजना के तहत 18-21 वर्ष के किशोर/किशोरियों को रोजगारन्मुख आर्थिक सहायता के रूप में 4000/- रु० प्रतिमाह की राशि दी जाती है जिसमे अबतक 18 बालक/बालिकओं जोड़ा गया है। PM Care for children योजना से अबतक 11 बच्चो को योजना का लाभ दिया जा रहा।

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जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण कोषांग की समीक्षा के क्रम में यूडीआईडी योजना, संबल योजना, आश्रय गृह तथा विशेष विद्यालयों की समीक्षा की गई। समीक्षा के दौरान निर्देशानुसार दिव्यांगजनों को यथासंभव त्वरित लाभ उपलब्ध कराने, यूडीआईडी कार्ड हेतु सिविल सर्जन स्तर पर लंबित आवेदनों का निस्तारण करने तथा गृह एवं विद्यालयों का बेहतर संचालन सुनिश्चित करने हेतु मासिक निरीक्षण करने एवं स्पेशल एजुकेटर की प्रतिनियुक्ति करने संबंधी आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए।

जिला अल्पसंख्यक कलयाण विभाग की समीक्षा के क्रम में पाया गया कि मुख्यमंत्री विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना 2024-25 अंतर्गत इस वित्तीय वर्ष कुल आवंटित राशि 2,69.10,000/- (दो करोड़ उनहत्तर लाख दस हजार) में से 2,17,00,000/- (दो करोड़ सतरह लाख) रू० का वितरण किया गया, जबकि पिछले वर्ष 1,84,45,000/- (एक करोड़ चौरासी लाख पैंतालीस हजार) रू० का वितरण किया गया था। मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक आवासीय बालिका विद्यालय, मसौढ़ी, नूरा मौजा में निर्माण हेतु निविदा प्रकाशित कर दी गयी है। 07 जून 2025 को निविदा खोली जायेगी। मुस्लिम परित्यकता/तलाकशुदा योजना के तहत एकमुश्त 25,000/- की सहायता राशि दी जाती है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में 18 महिलाओं को कुल 4,00,000/- मात्र का वितरण किया गया। मदरसा सुदृढ़ीकरण योजना के तहत मदरसा इस्लामिया शमशुल होदा के प्रशासनिक भवन एवं छात्रावास निर्माण हेतु 35,00,00,000/- (पैंतीस करोड़) की प्रारंभिक राशि की स्वीकृति दी गयी है। मुख्यमंत्री अल्पसख्यक रोजगार ऋण योजना एवं शिक्षा ऋण योजना के तहत वितरित ऋण की वसूली में पूरे राज्य में पटना जिला प्रथम स्थान पर है और अब तक कुल आठ करोड़ पांच लाख रूपये की वसूली की गयी है। अल्पसंख्यक छात्रावास योजना पूरे राज्य में सर्वाधिक छात्रावास पटना जिला में संचालित है। स्नातक या उच्चतर कक्षा के अल्पसंख्यक छात्र/छात्राओं के लिए कुल 06 छात्रावास संचालित है, जिसमें आवासितों को फ्री वाईफाई सुविधा, विद्युत सुविधा, शीत पेयजल सुविधा एवं एयर कंडिशनर युक्त लाईब्रेरी सुविधा दी जाती है एवं प्रति छात्र प्रतिमाह 1,000/- का छात्रावास अनुदान भी दिया जाता है। जिलाधिकारी द्वारा सहायक निदेशक अल्पसंख्यक कल्याण को जन-विकास योजना में अपेक्षित अभिरुचि नहीं लेने के कारण स्पष्टीकरण किया गया तथा प्रपत्र ’क’ गठित करने का निदेश दिया गया।

बैठक में जिलाधिकारी द्वारा अनु0 जाति एवं अनु0 जनजाति कल्याण विभाग, बिहार, पटना द्वारा संचालित/कार्यान्वित अनु0 जाति एवं अनु0 जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989; आवासीय विद्यालय योजना, छात्रावास योजना, बिहार महादलित विकास मिशन, पटना द्वारा संचालित सामुदायिक भवन -सह- वर्कशेड निर्माण योजना के प्रगति की समीक्षा की गयी। साथ ही डॉ0 अम्बेदकर समग्र सेवा अभियान अन्तर्गत विशेष विकास शिविर के आयोजन एवं महादलित टोलों में सरकार के लोक कल्याणकारी योजनाओं के आच्छादन से संबंधित 22 योजनाओं के आच्छादन हेतु प्राप्त आवेदन एवं उसके निष्पादन की समीक्षा की गयी। 379 महादलित टोले में आयोजित विशेष विकास शिविर में 22 लोक कल्याणकारी योजनाओं के लाभ हेतु कुल 25,632 आवेदन प्राप्त हुई है, जिसके विरुद्ध 8,524 का निष्पादन किया जा चुका है, जो कुल निष्पादन का 33.25 प्रतिशत है। जिला पदाधिकारी द्वारा प्राप्त आवेदन को संवेदनशीलता के साथ त्वरित गति से शत-प्रतिशत निष्पादन हेतु सभी संबंधित पदाधिकारियों को निदेशित किया गया। उक्त शिविर में अनुपस्थित पाये गये 25 कैम्प प्रभारी तथा समीक्षात्मक बैठक में अनुपस्थित पाए गए प्रखंड विकास पदाधिकारी, अथमलगोला का वेतन अवरुद्ध करते हुए स्पष्टीकरण की मांग की गई है। साथ ही सभी अनुमंडल पदाधिकारी एवं प्रखंड विकास पदाधिकारी को जन संवाद कार्यक्रम का नियमित अनुश्रवण करने का निर्देश दिया गया। सभी संबंधित पदाधिकारियों की सरकार की जनकल्याणकारी योजना का नियमित अनुश्रवण करने हेतु निदेशित किया गया।

समीक्षा के क्रम में पाया गया कि अनु0 जाति एवं अनु0 जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 अन्तर्गत कैलेण्डर वर्ष 2025 में कुल प्राप्त 161 काण्डों में 147 का निष्पादन करते हुए कुल 208 लाभुकों को मुआवजा राशि का भुगतान किया गया है। वित्तीय वर्ष 2025-26 में प्राप्त 70.00 लाख रुपये आवंटन का व्यय किया जा चुका है। आवासीय विद्यालय योजना अन्तर्गत कुल 1850 स्वीकृत छात्र/छात्रा बल के विरुद्ध 1327 छात्र/छात्राओं का नामांकन किया जा चुका है। 11वीं कक्षा में नामांकन शेष है, जो बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा ऑनलाईन के माध्यम से प्राप्त आवेदन से विद्यालय आवंटित किया जाना है। छात्रावास योजना अन्तर्गत पटना जिला में संचालित 07 छात्रावासों में 887 छात्र/छात्रा के बल के विरुद्ध 819 छात्र/छात्रा नामांकित है। 11वीं में नामांकन के उपरान्त शेष रिक्ति के विरुद्ध नामांकन हेतु आवेदन आमंत्रित किया जायेगा। सामुदायिक भवन-सह-वर्कशेड निर्माण योजना अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2016 से 2023-24 तक कुल 52 स्वीकृत योजना के विरुद्ध 35 योजनाओं पर कार्य पूर्ण हो गयी है, शेष पर निर्माण कार्य प्रगति पर है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में 17 लक्ष्य के विरुद्ध 17 योजनाओं का भूमि प्रस्ताव प्राप्त कर 17 योजना की स्वीकृति प्राप्त कर ली गयी है।

श्रम संसाधन विभाग की समीक्षा के क्रम में पाया गया कि औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, दीघाघाट के छात्रावास में अतिक्रमण की समस्या है। जिलाधिकारी द्वारा प्राचार्य, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, दीघाघाट को अतिक्रमण हटाने हेतु तिथि निर्धारित कर सूचित करने का निर्देश दिया गया है। राष्ट्रीय बाल श्रमिक परियोजना के अंतर्गत श्रम एवं रोजगार मंत्रालय भारत सरकार द्वारा 1,34,12,481 राशि की उपयोगिता प्रमाण पत्र की मांग की गई थी जिसके आलोक में उक्त उपयोगिता प्रमाण पत्र श्रम एवं रोजगार मंत्रालय भारत सरकार को दिया गया है।

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