बिहार

आपदा को अवसर बनाते हुए कोरोना काल मे हुआ टेंट शामियाना घोटाला : आप

पटना: सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 का गला घोंट रहे हैं, लोक सूचना पदाधिकारी। आपदा को अवसर बनाकर घोटाला करने वाले अधिकारियों को सूचना के अधिकार के तहत जबाब देने में हाथ पांव फूल रहे हैं।

आम आदमी पार्टी बिहार के प्रदेश प्रवक्ता बबलू कुमार प्रकाश ने बताया कि कोरोना वायरस को लेकर पिछले साल हुए लॉकडाउन के कारण कई लोगों की कमाई ठप पड़ गई. वहीं आपदा को अवसर बना कर कुछ अधिकारी और ठेकेदार, सुनियोजित तरीके से बड़े पैमाने पर सरकारी धन को लुटा। पटना सदर के क्षेत्रधिकार में चल रहे सामुदायिक रसोई (कम्युनिटी किचन) में लोगों के धूप-पानी से बचाने के लिए टेंट शामियाना लगाया गया था। जिसमे बड़ा घोटाला हुआ है।

बबलू ने बताया कि सामुदायिक रसोई में टेंट शामियाना लगाने वाले एजेंसी ने भोजन से ज्यादा टेंट शामियाना का बिल आपदा विभाग को दिया। पिछले साल महीना भर चले सामुदायिक रसोई में सुबह-शाम हजारों लोगों का भोजन कराया गया था। भोजन बनाने में चावल, दाल, तेल- मसाला, सब्जी, गैस और श्रम बल लगा जिसका बिल लाखों रुपया में था। वहीं, जिस टेंट शामियाना के अंदर लोगों को बैठाकर भोजन कराया गया, उसका बिल भोजन के बिल से तीन गुना ज्यादा है। जिसका करोड़ो में भुगतान भी किया जा चुका है।

बबलू ने बताया कि मामले की तह तक जाने के लिए सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत सामुदायिक रसोई में खर्च की गई राशि का ब्यौरा एवं अभिश्रव की छायाप्रति की मांग 27/10/2020 को जिला पदाधिकारी, पटना से किया।

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आपदा प्रबंधन शाखा, पटना के पत्र के आलोक में पटना जिला अंतर्गत आने वाले अलग- अलग अंचल कार्यालयों ने मुझे आधी-अधूरी सूचना उपलब्ध तो कराई। लेकिन पटना सदर, अंचल कार्यालय, जहां सबसे ज्यादा गड़बड़ी हुई है, सूचना उपलब्ध कराने में आनाकानी की जा रही है।

बबलू ने बताया कि- मैं, व्यक्तिगत रूप से कई बार अंचल पदाधिकारी एवं संबंधित कार्यालय लिपिक, नाजिर से मिला लेकिन उनके द्वारा संतोषजनक जबाब नही दिया। सूचना का अधिकार अधिनियम का मखौल उड़ाते हुए कहा गया कि- क्या कीजियेगा बिल का फोटो कॉपी लेकर, आरटीआई से कोई फर्क नही पड़ता है। राज्य सूचना आयोग ने अबतक अलग अलग मामलों में पटना सदर के लो०सू०पदा को सूचना उपलब्ध नही कराने को लेकर लगभग 2.5 लाख का आर्थिक दंड लगा चुका है, इससे क्या हो जाएगा।

बबलू ने कहा कि राज्य सूचना आयोग द्वारा लगाए गए आर्थिक दंड से पटना सदर के लोक सूचना पदाधिकारी को कोई फर्क नही पड़ता है। सूचना का अधिकार अधिनियम के द्वारा राष्ट्र अपने नागरिकों को, अपने कार्य को और शासन प्रणाली को सार्वजनिक करता है। देश का प्रत्येक नागरिक टैक्स अदा करता है और यही टैक्स देश के विकास और व्यवस्था की आधारशिला को निरन्तर स्थिर रखता है। इसलिए जनता को यह जानने का पूरा हक है कि उसके द्वारा दिया गया, पैसा कब, कहाँ, और किस प्रकार खर्च किया जा रहा है ? इसके लिए यह जरूरी है कि सूचना को जनता के समक्ष रखने एवं जनता को प्राप्त करने का अधिकार प्रदान किया है। लेकिन पटना सदर सहित अलग अलग अंचल कार्यालय के द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 का गला घोंटने की कोशिश की जा रही है।

बबलू ने जिला पदाधिकारी पटना को पत्र लिखकर उक्त मामले की जांच कराने और सूचना उपलब्ध कराने का मांग किया है। अन्यथा बाध्य होकर इस भ्रष्टाचार के खिलाफ अंचल कार्यालय, पटना सदर के परिसर में धरना-प्रदर्शन के लिए मजबूर होना पड़ेगा।

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