बिहार

सिविल सर्जन ने सारथी रथ को हरी झंड़ी दिखाकर क्षेत्र भ्रमण के लिये किया रवाना

अररिया(रंजीत ठाकुर): परिवार नियोजन बढ़ती आबादी को नियंत्रित करने का महत्वपूर्ण जरिया है. परिवार नियोजन के महत्व व इसके लिये उपलब्ध संसाधनों के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है. इसके निहित उद्देश्य की प्राप्ति के लिये 27 जून से 10 जुलाई के बीच जिले में दंपति संपर्क पखवाड़ा आयोजित किया जा रहा है. वहीं 11 से 31 जुलाई के बीच जिले में जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा संचालित किया जाना है. इसी कड़ी में परिवार नियोजन संबंधी उपायों के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से निकाले गये सारथी रथ को शुक्रवार को सिविल सर्जन डॉ विधानचंद्र सिंह, डीआईओ डॉ मोईज, डीपीएम स्वास्थ्य रेहान अशरफ सहित अन्य लोगों ने सामूहिक रूप से हरी झंडी दिखाकर क्षेत्र भ्रमण के लिये रवाना किया. मौके पर वीडीसीओ ललन कुमार, डीएमएनई पंकज कुमार झा, डीसीएम रमन कुमार सहित अन्य स्वास्थ्यकर्मी मौजूद थे.

खुशहाल जीवन का आधार है परिवार नियोजन :

सिविल सर्जन ने कहा कि परिवार की समृद्धि व खुशहाली के लिए परिवार नियोजन जरूरी है. उन्होंने कहा कि सभी नौ प्रखंडों में जागरूकता अभियान के लिए सारथी रथ रवाना किया गया है. यह जिले के विभिन्न पंचायतों का भ्रमण करते हुए परिवार नियोजन के उपाय अपनाने, बच्चों के उम्र में पर्याप्त अंतर रखने, परिवार नियोजन के अस्थायी साधन व सीमित परिवार के महत्व के प्रति लोगों को जागरूक करने का कार्य करेगा. उन्होंने बताया कि इस वर्ष “परिवार नियोजन का अपनाओ उपाय, लिखो तरक्की का नया अध्याय”जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा का थीम है. इसके उद्देश्यों की प्राप्ति के लिये जरूरी विभागीय प्रयास किये जा रहे हैं.

अस्थायी नियोजन उपायों के प्रति बढ़ा है लोगों का भरोसा :

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डीपीएम स्वास्थ्य रेहान अशरफ ने कहा कि जिले में परिवार नियोजन के प्रति लोगों का रूझान बढ़ा है. पिछले पाँच साल में ऐसे परिवारों की संख्या में 20 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गयी है. फिलहाल 46 फीसदी योग्य महिलाएं परिवार नियोजन संबंधी उपाय अपना रही हैं. लगभग 36 फीसदी लोग परिवार नियोजन के लिये अस्थायी विकल्प अपनाते हैं. जबकि परिवार नियोजन संबंधी अस्थायी उपायों के प्रति लोगों की दिलचस्पी तेजी से बढ़ रही है. उन्होंने बताया कि परिवार नियोजन के उपाय जैसे पुरूष नसबंदी, महिला बंध्याकरण, गर्भनिरोधक गोलियां, इंजेक्शन, निरोध सहित अन्य उपायों के प्रति लोगों को जागरूक किया जा रहा है. आशाकर्मियों की मदद से योग्य दंपतियों को चिह्नित किया जा रहा है. इच्छुक दंपतियों को 11 से 31 जुलाई के बीच संचालित जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा के तहत जरूरी चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराया जायेगा.

नियोजन उपाय अपनाने पर लाभुक व उत्प्रेरक को दी जाती है प्रोत्साहन

डीसीएम रमन कुमार ने बताया कि सभी सरकारी चिकित्सा संस्थानों में परिवार नियोजन के स्थायी व अस्थायी संसाधन से जुड़ी सेवाएं नि:शुल्क उपलब्ध है. इतना ही नहीं, इन उपायों को अपनाने पर लाभुक को सरकार द्वारा प्रोत्साहन राशि का भुगतान भी किया जाता है. उन्होंने बताया कि पुरुष नसबंदी के लिये लाभुक को 3000 रुपये व उत्प्रेरक को 400 रुपये बतौर प्रोत्साहन राशि दी जाती है. वहीं महिला बंध्याकरण के लिए लाभार्थी को 2000 व उत्प्रेरक को 300 रुपये देने का प्रावधान है. इसी तरह प्रसव के उपरांत बंध्याकरण के लाभार्थी को 3000 रुपये, उत्प्रेरक को 400 रुपये दिये जाते हैं. प्रसव उपरांत कॉपर-टी लगाने के लिये लाभार्थी को 300 व उत्प्रेरक को 150, गर्भपात के उपरांत कॉपर-टी लगाने के लिये लाभार्थी को 300 व उत्प्रेरक को 150 रुपये व गर्भनिरोधक सुई लगाने पर लाभार्थी को 100 रुपये व उत्प्रेरक को 100 रुपये बतौर सहायता राशि दी जाती है.

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