बिहार

फिजियोथेरेपिस्ट की भागीदारी के बिना कोई भी आर्थोपेडिक या न्यूरोलॉजी उपचार अधूरा

पटना, अजीत। मेदांता अस्पताल में फिजियोथेरेपी सम्बंधित जागरूकता पर पर एक कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जिसमें मेदांता अस्पताल के मुख्य फ़िज़ियोथेरेपिस्ट वीरेंद्र कुमार ने फिजियोथेरेपी की अहमियत पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि कैसे फिजियोथेरेपी आज के वक्त की जरूरत है। शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए या फिर नस सबंधित विकार या शरीर के मांसपेशियों से सम्बंधित दर्द को कम करने के लिए डॉक्टर अक्सर फिजियोथेरेपी करवाने की सलाह देते हैं। फिजियोथेरेपी करने से कई तरह की न्यूरो समस्या और शारीरिक समस्याएं दूर होती हैं। कई बार शारीरिक दर्द होने पर डॉक्टर दवाई के बजाय फिजियोथेरेपी करवाने की सलाह देते हैं। यह एक तरह की थेरेपी है, जो मेडिकल साइंस का ही हिस्सा है। ऐसे में लोगों के बीच फिजियोथेरेपी के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। ज्ञात हो की हर साल विश्व फिजियोथेरेपी दिवस 8 सितंबर को मनाया जाता है।

मेदांता के मुख्य फ़िज़ियोथेरेपिस्ट वीरेंद्र कुमार ने बताया कि फिजियोथेरेपिस्ट न्यूरोलॉजी, आर्थोपेडिक्स के अलावा अन्य चिकित्सा क्षेत्र का एक जरूरी भाग है और फिजियोथेरेपिस्ट की भागीदारी के बिना कोई भी उपचार अधूरा रहता है। यह थेरेपी हड्डी जोड़ने, स्पोर्ट्स इंजरी, रूमेटाइड आर्थराइटिस, गठिया या आर्थराइटिस, न्यूरो सम्बंधित विकार जैसे आघात, पक्षाघात, रीढ़ की हड्डी में चोट एवं पार्किसंस जैसे रोग में काफी मददगार साबित होती है।

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मेदांता के मुख्य फ़िज़ियोथेरेपिस्ट वीरेंद्र कुमार ने बताया कि फिजियोथेरेपी एक्सरसाइज की मदद से नस, हड्डी व जोड़ों के मरीजों को दर्द से निजात पाने में मदद मिलती है। यह बहुत ही कारगार उपाय है। फिजियोथेरेपी चोट, बीमारी और विकारों का एक बेहतर उपचार है। आघात, फ्रैक्चर या सर्जरी होने के बाद, अक्सर दर्द की समस्या देखने को मिलती है। इन समस्याओं को ही ध्यान में रखते हुए फिजियोथेरेपी का सुझाव दिया जाता है।

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