बलिया(संजय कुमार तिवारी): गुरुवार को महिलाओं ने वट सावित्री की पूजा की। कच्चे सूत को वट वृक्ष पर लपेट कर हरे फेरे में लम्बी आयु और उनका जन्म-जन्म का साथ निभाने की कामना की। । इस व्रत में कुछ महिलाएं फलाहार रही तो कुछ ने निर्जला उपवास भी रखा। मान्यता है कि वट वृक्ष के नीचे ही सावित्री ने यमराज से अपने पति को वापस जीवित करने का वरदान मांगा था। वट वृक्ष की जड़ों में भगवान ब्रह्मा, तने में विष्णु और पत्तों में शिव का वास होने की वजह से तीनों देवों के प्रतीक स्वरूप वट वृक्ष की पूजा की जाती है। अध्यात्म वेत्ता पं० भरत पाण्डेय ने बताया कि वट सावित्री व्रत महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है। इस दिन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु और सुखद वैवाहिक जीवन के लिए व्रत रखती है। जो पत्नी इस व्रत को सच्ची श्रद्धा के साथ करती है उसे न केवल पुण्य की प्राप्ति होती है बल्कि उसके पति के सभी कष्ट दूर भी हो जाते है।