बिहार

एम्स में दवाओं के साथ ही सरल ध्यान तकनीक के साथ पैनिक डिसऑर्डर के प्रबंधन पर एक शोध परियोजना शुरू 

फुलवारीशरीफ(अजित यादव): गुरुवार को एम्स पटना के फिजियोलॉजी विभाग और साइकियाट्री विभाग ने सामान्य दवाओं के साथ सरल ध्यान तकनीक को शामिल करते हुए पैनिक डिसऑर्डर के प्रबंधन पर एक शोध परियोजना शुरू किया है। इस परियोजना को विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, सरकार द्वारा अनुमोदित और वित्त पोषित किया गया है.

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इस बारे में फिजियोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉ कमलेश झा द्वारा बतााया गया कि ध्यान के प्रभाव का वैज्ञानिक रूप से मूल्यांकन करने के लिए, पैनिक डिसऑर्डर एक प्रकार की चिंता से संबंधित स्थिति है जिसमें लोगों को बिना किसी स्पष्ट कारण के गंभीर चिंता और भय का अहसास होता है।पैनिक डिसऑर्डर के सामान्य लक्षणों में अचानक धड़कन तेज होने, पसीना आना, सीने में दर्द और भारीपन, अचानक सांस फूलना और कई अन्य चिंता से संबंधित लक्षण शामिल हैं जो कभी-कभी पीड़ित को घर से बाहर निकलने वाली स्थिति में भी नही रहने देते । उन्होंने बताया कि इस विधि को अब लोगों द्वारा स्वास्थ्य और कल्याण के लिए जीवन शैली के रूप में अपनाया जा रहा है। योग और ध्यान तकनीक तनाव और चिंता को कम करने के लिए जानी जाती है। मनोरोग विभाग के प्रो डॉ पंकज कुमार ने बताया कि यह विकार आमतौर पर युवा आबादी को प्रभावित करता है । बार-बार होने वाले पैनिक अटैक विभिन्न मानसिक विकारों से भी जुड़े होते हैं। इस कार्यक्रम में कई डॉक्टरों ने अपने विचार दिए । योग के साथ ही ध्यान से कई तरह के परेशानियों से छुटकारा पाया जा सकता है । ऐसे रोगियों को स्वस्थ करने में दवाओं के साथ ध्यान योग काफी लाभप्रद साबित हो रहा है।

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