बिहार

प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान : स्वास्थ्य संस्थानों में गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच को लेकर चला विशेष अभियान

पूर्णिया, (न्यूज़ क्राइम 24)  प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों पर गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व (एएनसी) जांच को लेकर विशेष अभियान चलाया गया। इसमें सभी गर्भवती महिलाओं एवं धात्री माताओं की आवश्यक रूप से स्वास्थ्य परीक्षण व एएनसी जांच करने के बाद चिकित्सीय परामर्श के अनुसार आवश्यक दवा का वितरण किया गया। इस दौरान अस्पताल में उपस्थित गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था में स्वास्थ्य का ध्यान रखने के साथ साथ पोषण पर भी ध्यान रखने के लिए जागरूक किया गया। इसमें स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ आईसीडीएस और पिरामल फाउंडेशन के अधिकारियों द्वारा उपस्थित गर्भवती महिलाओं और उनके परिजनों को गर्भवती महिला और होने वाले बच्चे के बेहतर स्वास्थ्य के लिए जागरूक किया गया।

गर्भवती महिला और सम्बंधित परिजनों को प्रसव से संबंधित जोखिमों की दी गई जानकारी : सिविल सर्जन

प्रभारी सिविल सर्जन डॉ ओ पी साहा ने बताया कि जच्चा व बच्चा को स्वस्थ रखने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान कार्यक्रम का संचालन किया जाता है। इसके तहत प्रत्येक महीने के 9 और 21 तारीख को जिले के सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों पर विशेष रूप से कैंप का आयोजन किया जाता है। जिसके तहत अभिभावकों के समक्ष गर्भवती महिलाएं एवं धातृ माताओं को बेहतर स्वास्थ्य के लिए सभी तरह की आवश्यक जांच कराई जाती है। इसके साथ महिलाओं को चिकित्सीय सलाह एवं दवाइयां भी निःशुल्क दी जाती हैं।

गुरुवार को जिले में आयोजित पीएमएसएमए में अस्पताल में गर्भवती महिलाओं एवं साथ में आने वाले अभिभावकों को भी प्रसव से संबंधित जोखिमों की भी जानकारी उपलब्ध कराते हुए सामान्य रूप से प्रसव कराने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने के लिए सलाह दी गई। जांच के समय जटिल प्रसव वाली महिलाओं की पहचान अनिवार्य रूप से की गई है। इस दौरान सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर एएनसी कराने के लिए आने वाली गर्भवती महिलाओं एवं उनके परिजनों को बेहतर स्वास्थ्य के लिए पौष्टिक आहार के लिए विशेष रूप से सलाह दी गई है। इसके लिए उन्हें हरी सब्जियां, ताजे फल एवं नियमित तौर से आयरन की गोली खाने के लिए जागरूक किया गया।

संस्थागत एवं सुरक्षित प्रसव के लिए नियमित अंतराल पर गर्भवती महिलाओं का होता है फॉलोअप : डीपीएम

जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम सोरेंद्र कुमार दास ने बताया कि राज्य स्वास्थ्य समिति एवं जिलाधिकारी कुंदन कुमार के निर्देशानुसार एवं सिविल सर्जन के मार्गदर्शन में जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थाओं पर प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) की गयी। एएनसी जांच में गर्भवती महिलाओं का ब्लड शुगर, हाई ब्लड प्रेशर, एनीमिया आदि की जांच की गई। स्वास्थ्य केंद्रों पर गर्भवती महिलाओं के गर्भस्थ बच्चों की स्थिति की जांच चिकित्सा पदाधिकारियों, प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा की गई। जांच के बाद सभी गर्भवती महिलाओं एवं धातृ माताओं को आवश्यक रूप से दिशा-निर्देश दिया गया। ताकि गर्भस्थ शिशुओं की उचित देखभाल के लिए किस तरह के पौष्टिक आहार लेने की आवश्यकता होती है।

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वहीं जटिल स्थिति वाली गर्भवती महिलाओं को विशेष श्रेणी में रख कर उनकी अलग से जांच कराई गई। ताकि सुरक्षित एवं संस्थागत प्रसव कराने में किसी तरह की कोई असुविधा नहीं हो। जटिल स्थिति वाली गर्भवती महिलाओं के सुरक्षित प्रसव के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा उनकी नियमित रूप से फॉलोअप किया जाता है। इस दौरान उनकी सभी आवश्यक जांच करने के साथ साथ बेहतर स्वास्थ्य के लिए आवश्यक पोषण के उपयोग की भी जानकारी दी जाती है। इसके साथ साथ गर्भवती महिलाओं को विशेष रूप से बच्चे का प्रसव नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में उपस्थित कुशल चिकित्सकों की निगरानी में कराने के लिये जागरूक किया जाता है जिससे कि दोनों मां और बच्चे बिल्कुल स्वास्थ रह सके।

कार्यक्रम के अनुश्रवण हेतु जिला स्तरीय टीम द्वारा किया गया निरक्षण :

डीपीएम सोरेंद्र कुमार दास ने बताया कि गर्भवती महिलाओं के जांच के लिए संचालित प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के समुचित क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण के लिए जिला स्तरीय टीम गठित किया गया है जिसके द्वारा प्रखंड के सभी स्वास्थ्य केंद्रों का निरक्षण करते हुए गर्भवती महिलाओं के जांच और चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध होने का निरक्षण किया जाता है। इसके लिए जिले में स 07 टीम का गठन किया गया है। सभी टीम में दो अधिकारी उपलब्ध हैं जिसके द्वारा जिले के दो प्रखंडों का निरक्षण किया गया है। इसमें एसीएमओ और भीबीडीसी द्वारा बनमनखी और केनगर, डीआईओ और एपिडेमियोलॉजिस्ट द्वारा अमौर और बैसा, एनसीडीओ और डीपीसी आयुष्मान द्वारा पूर्णिया पूर्व और श्रीनगर, सीडीओ और पिरामल स्वास्थ्य प्रतिनिधि द्वारा रुपौली और भवानीपुर, जिला स्वास्थ्य विभाग डीपीएम और यूनिसेफ स्वास्थ्य सलाहकार द्वारा बीकोठी और धमदाहा, डीपीसी और यूनिसेफ प्रतिनिधि द्वारा डगरुआ और बायसी तथा डीसीक्यूए और एनसीडीओ लोगिस्टिक सलाहकार द्वारा कसबा और जलालगढ़ का निरक्षण कर वहां लाभार्थियों को मिल रही सुविधाओं की जांच की गई।

जांच स्थल पर खोला जाता है पोषण परामर्श केंद्र :

गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिलाओं को जांच के साथ बेहतर पोषण लेने की भी जरूरत होती है। सभी गर्भवती महिलाओं को इसके प्रति जागरूक करने के लिए आईसीडीएस विभाग द्वारा पिरामल फाउंडेशन के सहयोग से चिन्हित स्वास्थ्य केंद्रों पर पोषण परामर्श केंद्र भी लगाया जाता है। इसमें महिला पर्यवेक्षिका द्वारा उपस्थित गर्भवती महिलाओं को माँ और होने वाले बच्चे के बेहतर स्वास्थ्य के लिए पोषण में उपयोग करने वाले खाद्य पदार्थों की जानकारी दी जाती है। पिरामल फाउंडेशन के जिला लीड सोमेन अधिकारी ने बताया कि एएनसी जांच के दौरान जांच के लिए उपस्थित महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान आराम करने और पोषण लेने की जानकारी दी गई। आईसीडीएस के सहयोग से संचालित पोषण परामर्श केंद्र द्वारा गर्भवती महिलाओं को शरीर में विटामिन, कैल्शियम, प्रोटीन और वसा आदि के लिए आवश्यक खाद्य पदार्थों के उपयोग करने की जानकारी दी गई।

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