नई दिल्ली, (न्यूज़ क्राइम 24) सुप्रीम कोर्ट ने अपने अहम फैसले में साफ किया है कि अगर मनी लॉन्ड्रिंग केस में आरोपी किसी शख्स को ED ने जांच के दौरान गिरफ्तार नहीं किया है, और PMLA कोर्ट चार्जशीट पर संज्ञान लेकर उसे समन जारी करता है तो उसे कोर्ट में पेश होने के बाद PMLA के तहत जमानत की दोहरी शर्त को पूरा करने की ज़रूरत नहीं होगी। यहां स्पष्ट कर दें कि, PMLA सेक्शन 45 में जमानत की दोहरी शर्त का प्रावधान है, जिसके चलते आरोपी को जमानत मिलना मुश्किल हो जाता है।
कोर्ट ने कहा है कि ऐसी सूरत में अगर ED को उस आरोपी की हिरासत चाहिए तो उन्हें कोर्ट से ही कस्टडी की मांग करनी होगी। कोर्ट तभी आरोपी की कस्टडी ED को देगा जब एजेंसी के पास पूछताछ की ज़रूरत को साबित करने के लिए पुख्ता कारण होंगे।