बिहार

हिंदी भाषा भारत में हिंदी आज भी अपेक्षित सबसे बड़ा दुर्भाग्य है

पटना, अजित :संपतचक के प्रेम लोक मिशन स्कूल में हिंदी दिवस पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया.भारतीय लोकहित पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह विद्यालय के निदेशक गुरुदेव श्री प्रेम ने छात्र-छात्राओं को हिंदी को सही रूप में समझने और पढ़ने को कहा. उन्हें समझाया कि आज हर जगह अंग्रेजी की पूछ होती है लेकिन अपने हिंदी भाषा के प्रति प्रेम को उन्होंने विस्तार से बताया और कहा कि हमें अपनी मातृभाषा से उतना ही प्रेम करना चाहिए जितना विदेश के लोग अंग्रेजी से करते हैं.

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उन्होंने आगे कहा की भाषा संवाद का माध्यम है.दुर्भाग्य से भारत सहित पूरे विश्व में विवाद का कारण बना हुआ है.हिन्दी जो भारत में बहुसंख्यकों की भाषा है वाबजूद इसे आज भी लोकप्रिय बनाने के लिए प्रचार- प्रसार की आवश्यकता पड़ रही है.ऐसा अन्य भाषाओं के साथ नही है कारण हिन्दी भारत में सम्मान और न ही रोटी की भाषा बन पाई. न्यायालय,सरकारी दफ्तरों खासकर केन्द्रीय काकार्यालयों में ,चित्सकों की पत्री में हिन्दी को स्थान देना अब तक उचित नही समझा गया.जिस देश में हिन्दी में बोर्ड पर लिखे जाने से दुकानें जला दी जाती हो उस देश में हिन्दी दिवस एक सरकारी खानापूर्ति के अतिरिक्त कुछ भी नहीं. सभी छात्र-छात्राओं को हिंदी के प्रति संकल्पित रहने का आग्रह किया.

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