बिहार

पूर्णिया तथा अररिया जिला के आकांक्षी प्रखंड के स्वास्थ्य और आईसीडीएस कर्मियों को शिशु प्रारंभिक बाल्यावस्था विकास के लिए दिया जा रहा चार दिवसीय प्रशिक्षण

पूर्णिया, (न्यूज़ क्राइम 24) नीति आयोग के आकांक्षी प्रखंड में शिशुओं के प्रारंभिक अवस्था में बौद्धिक और भावनात्मक स्थिति के विकास के लिए परिजनों के साथ स्थानीय आईसीडीएस और स्वास्थ्य विभाग द्वारा भी विशेष ध्यान रखा जाएगा। इसके लिए पूर्णिया तथा अररिया प्रखंड के चिहिन्त आकांक्षी प्रखंड में शामिल बायसी और पलासी प्रखंड के आशा फेसिलेटर, फील्ड मॉनिटर महिला पर्यवेक्षिका प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक और प्रखंड समन्वयक (राष्ट्रीय पोषण मिशन) को यूनिसेफ तथा राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय द्वारा पूर्णिया जिले के होटल ग्रैंड इम्पेरियाल में चार दिवसीय आवसीय प्रशिक्षण (08-11 जुलाई) की शुरुआत की गई।

इसका उद्घाटन सिविल सर्जन पूर्णिया डॉ प्रमोद कुमार कनौजिया, एसीएमओ डॉ आर पी मंडल, पूर्णिया आईसीडीएस डीपीओ अनिता कुमारी, अररिया आईसीडीएस डीपीओ मंजु लता, आरपीएम कैसर इकबाल तथा आईसीडीएस सीडीपीओ बायसी द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस दौरान उपस्थित अधिकारियों को यूनिसेफ के आरंभ फाउंडेशन के राज्य कंसल्टेंट सम्राट खंडार तथा पूसा एग्रीकल्चर के पोषण विशेषज्ञ मेघा लाखे, सोनाली काम्बले तथा सविता दनखेने द्वारा मास्टर ट्रेनर के रूप में शिशु के प्रारंभिक बाल विकास संबंधित आवश्यक जानकारी दी गई।

इस दौरान जिला स्वास्थ्य विभाग से डीपीएम सोरेंद्र कुमार दास, डीसीएम संजय दिनकर, डीएमएनई आलोक कुमार के साथ यूनिसेफ पोषण विशेषज्ञ डॉ अंतर्यामी, पूसा एग्रीकल्चर कंसल्टेंट अमित कुमार, राज्य सलाहकार राघवेंद्र, ईशा, पल्लवी, जिला सलाहकार निधि भारती, शुभम गुप्ता, यूनिसेफ कंसल्टेंट शिवशेखर आनंद, रुथ सुब्बा, वाश कंसल्टेंट कर्मवीर कुमार सहित पूर्णिया और अररिया जिला के जिला पोषण सलाहकार आशुतोष समल और संबंधित प्रखंड के स्वास्थ्य और आईसीडीएस कर्मी उपस्थित रहे।

शिशुओं के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान रखने की जरूरत :

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सिविल सर्जन डॉ प्रमोद कुमार कनौजिया ने कहा कि शिशुओं के स्वास्थ्य और मानसिक अवस्था के विकास के लिए जन्म के बाद से ही विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। नीति आयोग के आकांक्षी प्रखंड में शिशुओं के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा यूनिसेफ के सहयोग से आकांक्षी प्रखंड में शिशुओं के प्रारंभिक विकास से संबंधित कार्यक्रम कार्यक्रम लागू किया गया है। इसके लिए सम्बंधित प्रखंड के स्वास्थ्य और आईसीडीएस कर्मियों को शिशुओं के शुरुआती अवस्था में उनके स्वास्थ्य और मानसिक विकास के लिए ध्यान रखने वाले विशेषता की जानकारी उपलब्ध कराते हुए संबंधित अधिकारियों को मास्टर ट्रेनर के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। मास्टर ट्रेनर द्वारा संबंधित प्रखंड के स्वास्थ्य कर्मियों और आईसीडीएस कर्मियों को संबंधित जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। संबंधित अधिकारियों द्वारा समुदाय स्तर पर परिजनों को शिशुओं के विकास के लिए आवश्यक जानकारी दिया जाएगा ताकि बच्चा शुरुआत से ही स्वस्थ और तंदुरुस्त रह सके।

प्रारंभिक बाल विकास के लिए परिजनों को सजग रहने की आवश्यकता :

यूनिसेफ पोषण विशेषज्ञ महाराष्ट्र के प्रशिक्षक मेघा लाखे ने उपस्थित स्वास्थ्य कर्मियों और महिला पर्यवेक्षिकाओं को प्रशिक्षण देते हुए बताया कि जन्म के बाद से ही बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास आरंभ हो जाता है। इसमें विकास के लिए परिजनों को विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है। स्तनपान कराने के दौरान बच्चे के साथ बातचीत करना, विभिन्न आवाजों को सुनाकर या दिखाकर उनका ध्यान केंद्रित करना आदि बच्चों के प्रारंभिक विकास का लक्षण है। ऐसा करने से बच्चों के बौद्धिक के साथ साथ भावनात्मक विकास को भी बल मिलता है और बच्चे स्वस्थ और तंदुरुस्त रहते हैं। इसके लिए स्वस्थ कर्मियों और आईसीडीएस कर्मियों द्वारा संबंधित परिजनों को जागरूक करने की आवश्यकता है जिससे कि आकांक्षी प्रखंड में बच्चों के स्वास्थ्य का आवश्यक विकास सुनिश्चित हो सके।

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