बिहार

टीबी मुक्त भारत के लिए जिला यक्ष्मा केंद्र अधिकारियों और कर्मियों ने ली शपथ

पूर्णिया, (न्यूज़ क्राइम 24) टीबी एक संक्रामक रोग है जो ग्रसित मरीजों के शरीर के किसी भी हिस्से को प्रभावित करते हुए उसे टीबी संक्रमित बना सकता है। टीबी संक्रमण लोगों के फेफड़ों को विशेष रूप से प्रभावित करता है। लक्षण के अनुसार टीबी संक्रमित मरीजों की पहचान करते हुए संक्रमित मरीजों को बेहतर चिकित्सकीय सहायता प्रदान करने के लिए जिला यक्ष्मा केंद्र, पूर्णिया के सभी स्वास्थ्य अधिकारियों और कर्मियों द्वारा राज्य तकनीकी सहयोग यूनिट (एसटीएसयू) के अधिकारी डॉ राकेश श्रीवास्तव के नेतृत्व में शपथ ग्रहण किया गया।

इस दौरान सभी स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा अपने क्षेत्र को टीबी मुक्त बनाते हुए अपने राज्य और देश को टीबी मुक्त बनाने में सहयोग करने की शपथ ली गई। स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा टीबी से प्रभावित लोगों और परिवार को उत्तम स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करते हुए ग्रसित मरीजों को स्वस्थ बनाकर सम्मानित जीवनयापन के लिए समर्थ बनाने का प्रण लिया गया। इस दौरान जिला यक्ष्मा केंद्र के डीपीएस राजेश शर्मा के साथ राजनाथ झा, तपन मिश्रा, अनिलानंद झा, राकेश कुमार सिंह, अमित कुमार, प्रिया कुमारी, विनोद कुमार और डब्लूएचपी के क्षेत्रीय प्रबंधक चंदन कुमार, साक्षी गुप्ता, मनेंद्र कुमार, विवेक कुमार और अन्य यक्ष्मा स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित रहे।

टीबी मुक्त पंचायत बनाने का लिया गया संकल्प :

राज्य तकनीकी सहयोग यूनिट (एसटीएसयू) के अधिकारी डॉ राकेश श्रीवास्तव ने बताया कि शपथ ग्रहण के साथ ही सभी प्रखंड के टीबी उन्मूलन कर्मियों को संबंधित क्षेत्र में टीबी ग्रसित मरीजों की पहचान करते हुए उन्हें आवश्यक उपचार सुविधा उपलब्ध कराते हुए संबंधित क्षेत्र को टीबी मुक्त बनाने का निर्देश दिया गया है। इसके लिए सभी क्षेत्र में लक्षण के अनुसार लोगों द्वारा टीबी ग्रसित मरीजों की पहचान करते हुए तत्काल चिकित्सकीय सहायता का लाभ उठाने और संबंधित क्षेत्र और पंचायत को टीबी मुक्त बनाने के लिए जागरूक करने का निर्देश दिया गया है।

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टीबी संक्रमित व्यक्ति मिलने पर संबंधित मरीज को तत्काल आवश्यक उपचार सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी जिससे कि ग्रसित मरीज बहुत जल्द टीबी बीमारी से सुरक्षित हो सके। एसटीएसयू राकेश श्रीवास्तव ने बताया कि टीबी मुक्त भारत के लिए पूर्णिया जिले में बहुत से प्राइवेट डॉक्टरों से भी संपर्क करते हुए लक्षण के अनुसार टीबी संक्रमित व्यक्ति मिलने पर तत्काल जिला यक्ष्मा केंद्र को सूचित करते हुए उन्हें आवश्यक स्वास्थ्य सुविधा का लाभ उठाने के लिए जागरूक करने की जानकारी दी गई है। सभी के सहयोग से पूर्णिया जिले में टीबी संक्रमित व्यक्ति को तत्काल चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध कराते हुए सभी को टीबी सुरक्षित रखते हुए जिला और देश को टीबी मुक्त बनाया जा सकेगा।

टीबी ग्रसित मरीजों को तत्काल उपलब्ध कराई जाएगी उपचार सुविधा :

जिला संचारी रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ कृष्ण मोहन दास ने कहा कि लगातार तीन सप्ताह से अधिक लगातार खांसी का होना, रक्त युक्त थूक (कफ) का होना, छाती में दर्द का होना संबंधित व्यक्ति के फेफड़ों के टीबी ग्रसित होने का लक्षण हो सकता है। इसके अलावा थकाव महसूस करना, वजन कम होना, बुखार होना, रात को बिस्तर पर पसीना आना, भूख नहीं लगना भी संबंधित लोगों के टीबी ग्रसित होने का लक्षण हो सकता है। ऐसा लक्षण दिखाई देने पर नजदीकी अस्पताल में टीबी संक्रमण की जांच करना चाहिए। संक्रमित पाए जाने पर संक्रमित व्यक्ति को स्थिति के अनुसार कम से कम छः माह और अधिक से अधिक अठारह माह तक एंटीबायोटिक दवा उपलब्ध कराई जाती है।

नियमित दवा और आवश्यक पौष्टिक आहार का सेवन करने से लोग टीबी संक्रमण को नष्ट करते हुए टीबी मुक्त हो सकते हैं। सिविल सर्जन डॉ प्रमोद कुमार कनौजिया द्वारा जिले के सभी प्रखंड में टीबी ग्रसित मरीजों की समय पर पहचान करते हुए आवश्यक उपचार सुविधा उपलब्ध कराने का आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया है। सभी प्रखंड टीबी कर्मियों को अपने क्षेत्र में लक्षण के अनुसार टीबी ग्रसित मरीजों को उपचार सुविधा उपलब्ध कराने और अन्य लोगों को टीबी के प्रति जागरूक करने का निर्देश दिया गया है जिससे कि जिला को टीबी मुक्त किया जा सके।

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