बिहार

एमसीपी कार्ड को लेकर स्वास्थ्य कर्मियों का तीन दिवसीय प्रशिक्षण संपन्न

अररिया, रंजीत ठाकुर जिले में मातृ-शिशु स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण के उद्देश्य से एमसीपी यानी मदर एंड चाइल्ड प्रोटेक्क्शन कार्ड को लेकर स्वास्थ्य अधिकारी व कर्मियों का तीन दिवसीय प्रशिक्षण मंगलवार को संपन्न हुआ. प्रशिक्षण कार्यक्रम में एमसीपी कार्ड के सही उपयोग व इसके महत्व की जानकारी स्वास्थ्य कर्मियों को दी गयी. तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेते हुए सिविल सर्जन केके कश्यप, डीआईओ डॉ मोईज सहित अन्य अधिकारियों ने संबंधित कर्मियों को मातृ-शिशु स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े महत्वपूर्ण पहलूओं से अवगत कराया. मुख्य प्रशिक्षक की भूमिका निभा रहे यूनिसेफ के एसएमसी आदित्य कुमार सिंह ने संबंधित मामले को लेकर विस्तृत जानकारी स्वास्थ्य कर्मियों को दी. प्रशिक्षण कार्यक्रम में सभी प्रखंड बीएचएम, बीसीएम, बीएमएनई, बीएचएम, आशा फैसिलिटेटर व एएनएम शामिल हुए. मौके पर डीपीसी राकेश कुमार, डीसीएम सौरव कुमार झा, यूनिसेफ के आशुतोष कुमार सहित अन्य मौजूद थे.

कार्ड की मदद से मातृ-शिशु मृत्यु पर प्रभावी नियंत्रण संभव

प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेते हुए सिविल सर्जन डॉ केके कश्यप ने कहा कि एमसीपी कार्ड गर्भवती महिलाएं व बच्चों के संपूर्ण स्वास्थ्य निगरानी के लिहाज से बेहद उपयोगी है. इसकी मदद से प्रसव पूर्व व प्रसव उपरांत महिलाओं के टीकाकरण सहित दो साल तक के बच्चों का संपूर्ण टीकाकरण को अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है. उन्होंने मातृ-शिशु मृत्यु संबंधी मामलों को नियंत्रित करने के उद्देश्य से प्रशिक्षण को महत्वपूर्ण बताया. डीआईओ डॉ मोईज ने कहा कि एमसीपी कार्ड का उपयोग न केवल मां व बच्चे की देखभाल सुनिश्चित करता है, बल्कि यह उन्हें विभिन्न सरकारी योजना व सेवाओं का लाभ भी उपलब्ध कराने में सहायक है. एमसीपी कार्ड को उन्होंने महिलाओं व बच्चों के स्वास्थ्य की कुंजी बताया. उन्होंने कहा कि एमसीपी कार्ड हर गर्भवती महिला व नवजात तक आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंचद सुनिश्चित कराता है.

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गर्भवती महिला व नवजात स्वास्थ्य की निगरानी जरूरी

मुख्य प्रशिक्षक यूनिसेफ के एसएमसी आदित्य कुमार सिंह ने बताया कि एमसीपी कार्ड में टीकाकरण, पोषण, प्रसव पूर्व देखभाल व जन्म के बाद देखभाल संबंधी जानकारी दर्ज की जाती है. जो गर्भवती महिलाएं व बच्चों के स्वास्थ्य निगरानी का अधिक प्रभावी बनाता है. प्रारंभिक अवस्था में गर्भवती महिलाओं की पहचान सुनिश्चित करते हुए प्रसव काल के दौरान चार एएनसी जांच सुनिश्चित कराने व प्रसव पूर्व व बाद में मां व दो साल तक के बच्चों के संपूर्ण टीकाकरण सुनिश्चित कराने में एमसीपी कार्ड को उन्होंने महत्वपूर्ण बताया. जिला सामुदायिक उत्प्रेरक सौरव कुमार ने कहा कि एमसीपी कार्ड का संधारण टीकाकरण व प्रसव पूर्व जांच के क्रम में एएनएम दीदी द्वारा किया जाता है. गर्भवती महिलाओं की काउंसिलिंग की जाती है. विभिन्न मानकों के आधार पर गर्भवती महिलाओं को उच्च जोखिम व कम जोखिम वाले श्रेणी में बांटा जाता है.

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