बिहार

राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी ने जिले के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों का किया निरीक्षण

अररिया, रंजीत ठाकुर सरकारी चिकित्सा संस्थानों में गुणवत्तापूर्ण सेवाओं की उपलब्धता विशेष जोर दिया जा रहा है। इसे लेकर स्वास्थ्य संस्थानों का नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड्स यानी एनक्वास प्रमाणीकरण की प्रक्रिया शुरू की गयी है। एनक्वास स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिये भारत सरकार द्वारा स्थापित मानक हैं। इसके माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता का मूल्यांकन किया जाता है और सेवाएं एनक्वास मानकों के अनुरूप होने पर उन्हें प्रमाणित किया जाता है। जिले के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों के एनक्वास प्रमाणीकरण की प्रक्रिया में तेजी लाने के उद्देश्य से राज्य स्वास्थ्य समिति के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी क्वालिटी एश्योरेंस राजीव कुमार मिश्रा ने जिले के कई स्वास्थ्य संस्थानों का निरीक्षण किया। उन्होंने संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए प्रमाणीकरण को लेकर चल रही तैयारियों की समीक्षा की। साथ ही स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध सेवाओं को एनक्वास मानकों के अनुरूप बनाने को लेकर जरूरी दिशा निर्देश दिये। ताकि प्रमाणीकरण को लेकर जल्द विभाग को आवेदन किया जा सके।

प्रखंडवार चयनित बेहतर संस्थान के प्रमाणीकरण के लिये करें

आवेदन निरीक्षण के क्रम में राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी क्वालिटी एश्योरेंस राजीव कुमार झा ने नरपतगंज सीएचसी, आयुष्मान आरोग्य मंदिर पिठौरा, सदर अस्पताल अररिया का निरीक्षण किया। निरीक्षण के क्रम में संबंधित संस्थानों के एनक्वास प्रमाणीकरण प्रक्रिया को लेकर संचालित गतिविधियों की उन्होंने समीक्षा की। निरीक्षण के क्रम में उन्होंने नरपतगंज प्रखंड अंतर्गत आयुष्मान आरोग्य मंदिर पिठौरा पर उपलब्ध सेवाओं की तारीफ की। वहीं सदर अस्पताल सभागार में अधिकारियों के साथ संबंधित मामलों की समीक्षा करते हुए उन्होंने सभी बीएचएम को पीएचसी से संबद्ध एक बेहतर संस्थान का चयन करते हुए वांक्षित प्रयास के बाद 30 जुलाई में एनक्वास प्रमाणीकरण के लिये आवेदन करने का निर्देश दिया। उन्होंने प्रमाणीकरण की प्रक्रिया में स्वास्थ्य विभाग के सहयोगी संस्था के जिलास्तरीय प्रतिनिधियों को आवश्यक सहयोग उपलब्ध कराने के लिये निर्देशित किया। उन्होंने बड़े अस्पतालों के साथ-साथ समुदाय स्तर पर बेहतर व गुणात्मक सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के प्रमाणीकरण को महत्वपूर्ण बताया। इससे जमीनी स्तर पर लोगों को बेहतर चिकित्सकीय सेवाओं का लाभ मिल सकेगा।

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वर्ष 2025 तक 50 फीसदी संस्थानों के प्रमाणीकरण का लक्ष्य

डीसीक्यूए डॉ मधुबाला ने बताया कि जिले के 50 प्रतिशत स्वास्थ्य संस्थानों को वर्ष 2025 तक एनक्वास प्रमाणीकृत बनाने का लक्ष्य निर्धारित है। इसे लेकर विभागीय स्तर से जरूरी पहल की जा रही है। सदर अस्पताल के प्रमाणीकरण के लिये जल्द ही आवेदन किया जायेगा। इसके अलावा अन्य संस्थानों प्रमाणीकरण को लेकर जरूरी पहल की जा रही है। उन्होंने बताया कि यह प्रमाणीकरण भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रदान किया जाता है।

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