फुलवारीशरीफ(अजित यादव): बिहार में मुर्गीपालन की संभावनाएं में लगातार इज़ाफ़ा देखने को मिला रहा है, सरकार द्वारा कई योजनाएँ चलायी जा रही है, मगर गैर-प्रशिक्षित युवाओ को सरकार द्वारा चलायी जा रही योजनाओं का लाभ मिलने में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। प्रशिक्षित वर्ग को अपना स्वरोजगार स्थापित करने के लिए ऋण और अन्य योजनाएँ आसानी से प्राप्त होती है और व्यापर में घाटा होने की संभावनाएं कम होती है। बिहार के बेरोजगार युवाओं को रोजगारोन्मुख और आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के कुक्कुट अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र में छह दिवसीय कुक्कुट प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ। इस छह दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में बिहार के तीन जिलों जिनमें पटना, नालंदा और वैशाली के तेईस युवा शामिल हैं। इस प्रशिक्षण के तहत युवाओं को ब्रायलर और लेयर फार्मिंग के व्यवसाय को सफलतापूर्वक करने की ट्रेनिंग विश्वविद्यालय के अठारह विशेषज्ञों द्वारा दिया जायेगा, जिसमे मुर्गी पालन के उत्पादन प्रबंधन, पोषण, हेल्थ और डिग्नोसिस, बायो-सेफ्टी उपाय, हाइजीन और हैचरी मैनेजमेंट जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों की जानकारी दी जाएगी.
ट्रेनिंग के पहले बैच के शुभारम्भ समारोह में पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के संयुक्त निदेशक संजय कुमार सिन्हा ने कहा की सरकार युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने और रोजगार देने के लिए प्रयासरत है, इस ट्रेनिंग के जरिये कई संभावनाओं के द्वार खुलेंगे और इसका सीधा लाभ आपके जीविकोपार्जन पर होगा साथ ही राज्य की अर्थव्यवस्था भी सुदृढ़ होगी। उन्होंने कहा की सरकार के दूसरे सात निश्चय योजना में ऐसे प्रशिक्षणों को खासा महत्व दिया गया है.