फुलवारीशरीफ(अजीत यादव): बिहार, उड़ीसा और झारखंड का ईमारत शरिया, अपने विविध पहलुओं और अमूल्य सेवाओं के साथ, एक सदी में एक लंबा सफर तय करते हुुुए पूरे पूरे सौ साल का हो गया. ईमारत शरिया दशकों के बाद भी पूरी ऊर्जा के साथ अपनी सेवाएं दे रहा है और प्रगति के पथ पर है। ईमारत शरिया उपमहाद्वीप में इस्लामी कानून की सुरक्षा और शरिया न्याय के कार्यान्वयन के लिए लड़ने वाला पहला प्रतिष्ठित, मजबूत, प्रभावशाली और शक्तिशाली संस्था है। यह संस्थान, राष्ट्र और जमात का मिल्लत का केंद्र हैं । ईसका उद्देश्य और अस्तित्व लोंगो की सुरक्षा और विकास की बुनियाद पर टिका है। इमारत शरिया बिहार झारखण्ड उड़ीसा की स्थापना पिछली सदी में 26 जून 19021 को हुआ था । इमारत शरिया के स्थापना दिवस की पुर्व संध्या पर इमारत शरिया के डिप्टी अमीर ए शरीयत हजरत मौलाना मुहम्मद शमशाद रहमानी ने कहा
बिहार, ओडिशा और झारखंड के मुसलमानो की धार्मिक शैक्षणिक आर्थिक सामाजिक उत्थान जीवन स्तर के विकास सहित देश के हर वर्ग धर्म के लोंगो को न्याय दिलाने की हिमायती है। इमारत शरिया का आजादी के आंदोलन में अहम रोल रहा है.
इमारत – ए – शरिया 100 साल से समाज में भाईचारे और मुहब्बत का चिराग बना हुआ है . उसकी रोशनी में बिहार ही नहीं , झारखंड और ओडिशा के लोग प्रेरणा लेकर अपनी जिंदगी खुशहाल कर रहे हैं . शनिवार से जब इमारत – ए – शरिया अपनी नयी शताब्दी में प्रवेश करेगा , तो उसके पास एक नया मकसद होगा . इमारत – ए – शरिया नयी शताब्दी में आधुनिक स्कूली शिक्षा की मशाल लेकर समाज में प्रवेश करेगा . दरअसल , इमारत – ए शरिया चाहता है कि दुनिया में हो रहे तमाम बदलावों से उससे जुड़ा समाज भी परिचित हो . प्रतिस्पर्धा के इस दौर में वह आधुनिक शिक्षा की रोशनी में आगे बढ़े .
बीसवीं सदी की शुरुआत में स्वतंत्रता आंदोलन ने पूरे देश में जागृति की लहर पैदा कर दी थी। इमारत शरीया की स्थापना हजरत मौलाना अबुल महासिन मुहम्मद सज्जाद ने एक प्रस्ताव के जरिये रखा था।
महान विचारक मौलाना अबुल कलाम आजाद, कुतुब आलम मौलाना सैयद शाह मुहम्मद अली मोंगिरी और हजरत मौलाना अबुल महासिन मुहम्मद सज्जाद हजरत मौलाना सय्यद शाह बदरुद्दीन कादरी के नेतृत्व में इमारत शरिया की स्थापना की योजना बनाई गयी । इमारत शरिया की पहली बैठक मस्जिद बांकीपुर, पटना में हुई थी, जिसमें हजरत मौलाना सैयद शाह बदरुद्दीन कादरी को सर्वसम्मति से पहले अमीर के रूप में चुना गया था। उन्होंने ताउम्र मुल्क व लोगों के कल्याण के लिए हर संभव प्रयास करते रहे । आज इमारत शरिया तकनीकी संस्थानो मौलाना सज्जाद मेमोरियल अस्प्ताल सहित कई संस्थाओं के जरिए लोगो की सेवा करता चला आ रहा है। समय के अनुसार अल्पसंख्य समुदाय समेत हर वर्ग के परिवार के बच्चों को तकनीकी और सीबीएसई तकनीक की शिक्षा पद्धति से जोड़ने के लिए कई जिलों में स्कूल खोले जा रहे हैं.
कोरोना की वैक्सीन लेने की अपील की थी–
हाल ही में एक दौर ऐसाभी था कि लोगों में वैक्सीनेशन को लेकर तमाम आशंकाएं जोर पकड़ रही थीं , तब इमारत – ए – शरिया ने दखल देकर अपने मानने वालों से कहा कि भ्रमित न हों.कोरोना वैक्सीनेशन जरूरकराएं . उसकी एक आवाज पर लोगों ने वैक्सीनेशन कराना शुरू कर दिया . राष्ट्र और समाज की जरूरतों के साथ इमारत – ए – शरिया ने हमेशा तरक्कीपसंदरुख अपनाया है , इससे पहलेपोलियो वैक्सीनेशन और कालाजार बीमारी के दौर में प्राणरक्षक दवाओं के इस्तेमालको हमेशा तवज्जो दी।