बिहार

जिले में टीबी हारेगा देश जीतेगा अभियान को जन आंदोलन का रूप देने का हो रहा प्रयास

-पंचायत स्तर पर सघन जागरूकता अभियान सहित अन्य गतिविधियां का हो रहा आयोजन
-चिह्नित स्लम एरिया व हाई रिस्क जोन में जांच के किये जा रहे विशेष शिविर आयोजित
-अभियान का सफल बनाने में पंचायती राज विभाग व जीविका समूह की महिलाएं कर रही सहयोग

अररिया(रंजीत ठाकुर): जिले में राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत संचालित टीबी हारेगा देश जीतेगा अभियान को जन आंदोलन का रूप देने की कवायद चल रही है। वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाने के प्रयासों के तहत पंचायत स्तर पर जागरूकता संबंधी कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। इसके तहत जहां पंचायत स्तर पर निक्षय ग्राम सभा का आयोजन किया जा रहा है। वहीं टीबी रोग के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से ग्राम शपथ कार्यक्रम व प्रचार सामग्री का वितरण किया जा रहा है.

टीबी रोगियों की खोज के लिये पंचायत स्तर पर अभियान संचालित :

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टीबी उन्मूलन कार्यक्रम का जन आंदोलन का रूप देने के लिये जिला यक्ष्मा केंद्र अपने निर्धारित एजेंडा पर काम कर रहा है। इसकी जानकारी देते हुए जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ वाईपी सिंह ने बताया कि जिले में प्रत्येक सोमवार सभी प्रखंडों के चिह्नित स्लम एरिया व हाई रिस्क वाले इलाकों में एसटीएस व एसटीएलएस के माध्यम से टीबी रोग के प्रति सघन जागरूकता अभियान का संचालन करते हुए रोगी के घर के आस-पास इलाके के कम से कम 25 घरों से जांच के लिये बलगम संग्रह किया जाना है। उन्होंने बताया कि अगस्त माह में हर बुधवार व शुक्रवार को पंचायत स्तर पर जन प्रतिनिधियों की मौजूदगी में ग्रामीणों की बैठक आयोजित करते हुए लोगों को टीबी रोग के संभावित खतरों के प्रति जागरूक करने का प्रयास करना है। पंचायत स्तर पर आयोजित इन बैठकों में लोगों को शपथ दिलाकर टीबी मुक्त अभियान में उनसे अपेक्षित सहयोग की अपील की जायेगी। बैठकों में एसटीएस, एसटीएलएस, जीविका व जिला स्तरीय स्वास्थ्य अधिकारी लोगों को टीबी से बचाव व इसके इलाज के संबंध में समुचित जानकारी देंगे.

कई स्तर पर जागरूकता संबंधी गतिविधि का हो रहा आयोजन :

जिला टीबी व एड्स समन्वयक दामोदर प्रसाद ने बताया कि गर्भवती महिलाओं में टीबी रोग से जुड़े खतरों को कम करने के लिये अभियान के तहत विशेष पहल किया जाना है। इसके लिये 09 अगस्त को सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर आयोजित होने वाले प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान में भाग लेने वाली सभी गर्भवती महिलाओं को टीबी के विषय में विस्तृत जानकारी दी जायेगी। इस दौरान रोगी की तलाश सुनिश्चित करते हुए जरूरी जांच के लिये उनका बलगम संग्रह किया जायेगा। जागरूकता अभियान को प्रभावी बनाने के लिये अभियान में गांव में मस्जिद के इमाम व मंदिर के पुजारियों से अपेक्षित सहयोग प्राप्त करने का प्रयास किया जा रहा है। ताकि स्थानीय स्तर पर वे अपने माध्यम से लोगों को टीबी के संबंध में जागरूक कर सकें। इतना ही नहीं जागरूकता संबंधी छोटे-छोटे वीडियो तैयार कर इसे सोशल साइट पर साझा किया जाना है। ताकि इसके माध्यम से टीबी रोग से संबंधित समुचित जानकारी आम लोगों के बीच पहुंच सके।

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