फुलवारीशरीफ, अजित। राजधानी पटना के पश्चिमी इलाके से फुलवारी शरीफ शहर में सुबह 6:00 के बाद नो एंट्री का ऐलान पटना के जिला प्रशासन सीनियर पुलिस अधिकारियों और ट्रैफिक के अधिकारी को द्वारा किया गया है उसके बावजूद पिछले कई दिनों से बेरोक़ टोक नो एंट्री के बावजूद 11 बजे से साढ़े 11:00 बजे तक भारी वाहन बालू लदे ट्रको की लंबी लंबी कतार शहर में लग रही है. पटना एम्स बस वाला दानापुर गोलंबर से लेकर खगोल फुलवारी शरीफ शहीद भगत सिंह चौक नया टोला टमटम पड़ाव प्रखंड कार्यालय मोड़ पुरानी भट्ठी मोड़ हारून नगर पुलिस कॉलोनी अनीसाबाद बेउर मोड़ सिपारा पुल रामकृष्ण नगर जगनपुरा खेमानी चक जकरियापुर होकर जीरो माइल तक भारी वाहनों का लंबा-लंबा काफिला रोज लग रहा है जिससे इस मार्ग आने जाने वाले लोगों को भारी परेशानियां उठानी पड़ रही हैं।
सुबह-सुबह ड्यूटी जाने स्कूल आने जाने वाले एवं सबसे ज्यादा परेशानी पटना एम्स रोड में एम्स के डॉक्टर मरीजों को लेकर आने वाले एंबुलेंस को हो रही है. सुबह-सुबह बच्चों को स्कूल आने जाने और पहुंचाने वाले वाहन भी जाम में फंस रहे हैं जिससे अधिकांश बच्चों को स्कूल देर से पहुंचने पर डांट सुनना पड़ रहा है. सिपारा पुल के पास जाम रहने एवं फुलवारी में भट्टी मोर शहीद भगत चौक एम्स रोड में जाम लगे रहने से भीतर के लिंक रोड भी जाम हो जा रहा है. सिपारा जक्कनपुर के पास राम लखन पथ अशोकनगर रोड पर भी लंबा लंबा जाम लग रहा है. कोई दोपहर 12:00 बजे के बाद बाईपास पर कोई भारी बंद ट्रक नजर नहीं आता. स्थानीय लोगों का कहना है कि जब नो एंट्री लगा हुआ है तो 6:00 के बाद इतने भारी में संख्या में ट्रकों को कैसे छोड़ा जाता है तो शहर में जाम का सबब बन रहा है.
कोई दिलचस्प वाक्या यह है कि पटना एम्स आने जाने वाले मार्ग पर अभी 4 दिन पहले लंबा जाम लगा हुआ था जाम में फंसे हुए डॉक्टर एवं अन्य लोगों के वाहन को पुलिस ने रॉन्ग साइड यानी दूसरे लेंस से रवाना किया उसके बाद उन वाहन चालकों के पास ट्रैफिक पुलिस का तीन-तीन हजार का चालान कटकर पहुंच गया. पटना एम्स में कार्यरत के डॉक्टरों ने कहा कि यह गलत बात है रोड पर जाम लगा हुआ था तब ट्रैफिक पुलिस वालों ने ही वाहन चालकों को रॉन्ग साइड से जाने के लिए कहा ऐसी स्थिति में चालान नहीं करना चाहिए. एम्स के डॉक्टर के अलावा कहीं निज़ी वाहन चालकों की यही पीड़ा है. बेवजह चालान काटने से लोग नाराज हैं कई लोगों का कहना है कि इसमें सुधार नहीं किया गया तो कोर्ट कि शरण में जाएंगे।