फुलवारीशरीफ, अजित। “मिट्टी सिर्फ धरती का स्वरूप नहीं, बल्कि जीवन का आधार है. इसकी सेहत की रक्षा करना हम सबका नैतिक दायित्व है. रासायनिक खादों के अत्यधिक उपयोग से मिट्टी की गुणवत्ता, अनाज की पौष्टिकता और मानव स्वास्थ्य सभी प्रभावित होते हैं. इसलिए उर्वरकों का संतुलित उपयोग और प्राकृतिक–जैविक खेती अपनाना समय की जरूरत है. जैविक खेती से लागत घटती है, उपज की गुणवत्ता बढ़ती है और किसानों की आय में महत्वपूर्ण वृद्धि होती है.” यह बातें कृषि मंत्री रामकृपाल यादव ने बामेती, पटना में आयोजित विश्व मृदा दिवस के राज्य स्तरीय कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहीं.विश्व मृदा दिवस पर बामेती के सभागार में आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन कृषि मंत्री ने दीप प्रज्वलित कर किया।
मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना किसानों को वैज्ञानिक खेती के प्रति जागरूक बनाने की ऐतिहासिक पहल है. मुख्यमंत्री के नेतृत्व में बिहार सरकार मिट्टी को स्वस्थ और उपजाऊ बनाए रखने के लिए लगातार काम कर रही है. अब तक 1 करोड़ 65 लाख से अधिक किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध कराए जा चुके हैं. उन्होंने कहा कि बिहार कृषि विभाग तेजी से जैविक खेती को बढ़ावा दे रहा है और जल्द ही बिहार को जैविक खेती का प्रमुख हब बनाने का लक्ष्य है।
मंत्री ने आगे कहा कि बिहार की अर्थव्यवस्था की रीढ़ कृषि है और लगभग 76 प्रतिशत आबादी की आजीविका इसी पर निर्भर है. किसानों की आय बढ़ाने, खेती को लाभकारी बनाने और कृषि को टिकाऊ पद्धति के रूप में विकसित करने के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है. कृषि रोड मैप के माध्यम से हर क्षेत्र में व्यापक कार्य हो रहा है. मंत्री ने कहा कि किसानों को हर वह सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी, जो उनकी आय बढ़ाने और खेती को समृद्ध करने में मदद करे. सरकार किसानों के साथ मजबूती से खड़ी है।
इस मौके पर पटना के विभिन्न प्रखंडों से आए किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड भी वितरित किए गए. कार्यक्रम में कृषि विभाग के प्रधान सचिव पंकज कुमार, विशेष सचिव डॉ. बीरेन्द्र प्रसाद यादव, कृषि निदेशक नितिन कुमार सिंह, प्रबंध निदेशक स्पर्श गुप्ता और संयुक्त निदेशक (रसायन) विनय कुमार पांडेय सहित बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे। कृषि विभाग के प्रधान सचिव पंकज कुमार ने कहा कि मिट्टी एक जीवंत तत्व है और इसका संरक्षण मानव जीवन के लिए अनिवार्य है. उन्होंने पराली जलाने की समस्या पर चिंता जताते हुए सभी अधिकारियों से तुरंत संज्ञान लेने की अपील की और संकल्प दिलाया—“पराली नहीं जलाएँगे, मिट्टी को बचाएँगे।
