बिहार

सामुदायिक उत्प्रेरक पखवाड़ा पर ग्राम चौपाल का हुआ आयोजन

पूर्णिया, (न्यूज़ क्राइम 24) लोगों को परिवार नियोजन के विभिन्न सुविधाओं के प्रति जागरूक करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले के सभी प्रखंडों में सामुदायिक उत्प्रेरक पखवाड़े का संचालन किया जा रहा है। इस दौरान विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर लोगों को परिवार नियोजन के स्थायी व अस्थायी सुविधा के उपयोग के लिए आवश्यक जानकारी दी जा रही है। बुधवार को जिले के के. नगर प्रखंड स्थित झुन्नि पंचायत और गनेशपुर पंचायत में स्वास्थ्य विभाग द्वारा ग्रामीण चौपाल का आयोजन किया गया।

इस दौरान स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ पिरामल फाउंडेशन स्वास्थ्य और पीएसआई इंडिया के प्रतिनिधियों द्वारा लोगों को जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में उपलब्ध परिवार नियोजन के विभिन्न सुविधाओं की जानकारी देते हुए अयोग्य दंपत्तियों को इसके उपयोग करने के प्रति जागरूक किया गया। इस दौरान के.नगर प्रखंड के बीसीएम कंचन कुमारी, पिरामल स्वास्थ्य के प्रोग्राम लीड अवधेश कुमार, पीएसआई सहयोगी जिला समन्यवक ब्यूटी कुमारी सहित पंचायत के स्थानीय जनप्रतिनिधि, आशा फेसिलेटर, स्थानीय आशा कर्मी और विभिन्न दंपती उपस्थित रहे।

परिवार नियोजन के स्थायी सुविधा में पुरूष नसबंदी आसान :

ग्रामीण चौपाल में उपस्थित लोगों को जागरूक करते हुए बीसीएम कंचन कुमारी ने बताया कि परिवार नियोजन के स्थायी साधनों में लोग महिला बंध्याकरण का उपयोग करते हैं। इसके स्थायी साधनों में पुरुष नसबंदी भी कराया जा सकता है जो महिला बंध्याकरण की तुलना में बहुत आसान और सुलभ है। महिला बंध्याकरण के लिए संबंधित महिला को अस्पताल में ऑपरेशन के बाद कम से कम चौबीस घंटे चिकित्सक की निगरानी में रहना पड़ता है जबकि पुरूष नसबंदी कराने से संबंधित पुरूष को एक घंटे में अस्पताल से छुट्टी मिल सकता है। महिला बंध्याकरण सुविधा प्रसव के बाद 07 दिनों के अंदर या 06 सप्ताह बाद अपनाया जा सकता है जबकि पुरूष नसबंदी कभी भी अपनायी जा सकती है।

अस्पताल में समान्य दिनों में महिला बंध्याकरण कराने पर लाभार्थी को 2000 रुपया जबकि प्रसव के पश्चात बंध्याकरण करवाने पर लाभार्थी को 3000 रुपए सहयोगी राशि के रूप में उपलब्ध कराई जाती है। किसी भी सरकारी अस्पताल में पुरूष नसबंदी करवाने पर लाभार्थी को 3000 रुपया सहयोग राशि के रूप में उपलब्ध कराई जाती है। इसके साथ साथ अस्पताल से परिवार नियोजन का लाभ उपलब्ध कराने वाले आशा, आंगनवाड़ी सेविका या विकास मित्र को भी स्वास्थ्य विभाग द्वाराजागरूकता अभियान के लिए सहयोग राशि प्रदान किया जाता है।

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अस्थायी सुविधा में उपलब्ध है माला-एन, छाया की गोली एवं अंतरा सुई :

पिरामल स्वास्थ्य के प्रोग्राम लीडर अवधेश कुमार ने बताया कि परिवार नियोजन के अस्थायी सुविधा के रूप में इच्छुक दंपत्ति द्वारा कंडोम, आपातकालीन गर्भनिरोधक गोली (ईजी), छाया, माला-एन की गोली और अंतरा सुई का उपयोग किया जा सकता है। कंडोम पुरुषों को परिवार नियोजन की जिम्मेदारी निभाने में सक्षम बनाता है। इसका उपयोग सुरक्षित और दुष्परिणाम रहित है और इसका उपयोग करने से लोग यौन रोग में शामिल एचआईवी व एड्स से भी सुरक्षित रह सकते हैं। आपातकालीन गर्भनिरोधक गोली (ईजी) का उपयोग किसी भी महिला द्वारा असुरक्षित यौन सम्बंध के पश्चात 72 घंटे (03 दिन) के अंदर उपयोग करने से गर्भधारण को संभावना को रोकने के लिए है।

इसके अलावा परिवार नियोजन के अस्थायी सुविधा के प्रतिदिन के लिए माला-इन गोली, साप्ताह में एक बार उपयोग करने के लिए छाया गोली का उपयोग कर सकती हैं। इसके अलावा इच्छुक दंपति तीन महीने तक गर्भनिरोध के लिए अंतरा सुई का उपयोग कर सकते हैं। इसका एक टीका (सुई) का उपयोग करने से संबंधित दंपति तीन महीने तक गर्भकाल से सुरक्षित रह सकते हैं। पीएसआई इंडिया के सहयोगी जिला समन्यवक ब्यूटी कुमारी ने बताया कि लंबे समय तक गर्भावस्था से सुरक्षित रहने के लिए इच्छुक दंपति द्वारा कॉपर टिक भी उपयोग किया जा सकता है।

एक कॉपर टी का उपयोग कर संबंधित लाभार्थी पांच से दस साल तक गर्भकाल से सुरक्षित रह सकते हैं। इच्छुक दंपत्ति को परिवार नियोजन के कभी अस्थायी सुविधा का लाभ किसी भी स्वास्थ केंद्र के साथ साथ स्थानीय आशा कर्मियों से आसानी से मिल सकता है। ग्राम चौपाल में इच्छुक दंपत्ति द्वारा परिवार नियोजन के अस्थायी सुविधा का नियमित रूप से उपयोग करने और स्थायी सुविधा के लिए पुरुष नसबंदी का उपयोग करने पर विशेष ध्यान दिया गया।

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