बिहार

संभावित फाइलेरिया मरीजों की पहचान के लिए जिले के सभी प्रखंडों में हुई नाईट ब्लड सर्वे की शुरुआत

पूर्णिया, (न्यूज़ क्राइम 24) फाइलेरिया के संभावित मरीजों की पहचान के लिए बीते 28 जून से 06 जुलाई तक जिले के सभी प्रखंडों के चिन्हित क्षेत्रों में नाईट ब्लड सर्वे चलाया जाएगा। सिविल सर्जन डॉ ओ पी साहा द्वारा शुक्रवार की रात 08.30 बजे पूर्णिया पूर्व प्रखंड के मध्य विद्यालय गुलाबबाग में दीप प्रज्वलित कर अभियान की शुरुआत की। इस दौरान सिविल सर्जन डॉ ओ पी साहा द्वारा पहला ब्लड सैंपल देते हुए अन्य लोगों से नाईट ब्लड सर्वे में भाग लेकर खून में शामिल माइक्रो फाइलेरिया के पहचान के लिए टेस्ट कराने की अपील की गई।

सिविल सर्जन के साथ जिला भेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ आर पी मंडल, पूर्णिया पूर्व प्रखंड के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ शरद कुमार, मध्य विद्यालय गुलाबबाग के प्रधानाध्यापक के साथ साथ अन्य लोगों का भी ब्लड सैंपल माइक्रो फाइलेरिया जांच के लिए लिया गया। इस दौरान भीबीडीओ रवि नंदन सिंह, डीभीबीडी सोनिया मंडल, डब्लूएचओ जोनल कोऑर्डिनेटर डॉ दिलीप कुमार, पिरामल स्वास्थ्य जिला लीड चंदन कुमार, प्रोग्राम लीड सनत गुहा, सोमेन अधिकारी, वेक्टर जनित रोग नियंत्रण लिपिक रामकृष्ण परमहंस, पीसीआई डीएमसी विपिन कुमार, सीफार असिस्टेंट जिला समन्यवक अमन कुमार, लैब टेक्नीशियन, एएनएम सहित स्थानीय आशा कर्मी एवं स्थानीय लोग उपस्थित रहे।

20 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों का लिया जाएगा ब्लड सैंपल :

सिविल सर्जन डॉ ओ पी साहा ने बताया कि क्यूलेक्स मादा मच्छर के फाइलेरिया ग्रसित मरीजों के बाद सामान्य लोगों को काटने से उसमें माइक्रो फाइलेरिया का कीटाणु छोड़ दिया जाता है जिससे संबंधित व्यक्ति फाइलेरिया से ग्रसित हो जाते हैं। संबंधित व्यक्ति को फाइलेरिया ग्रसित होने का पहचान कम से कम पांच साल बाद ग्रसित अंगों में शामिल हाथ, पैर, पुरुषों के अंडकोश (हाइड्रोसील) व महिलाओं के स्तन में बहुत सूजन होने पर इसकी जांच कराने के बाद पता चलता है। प्रारंभिक अवस्था में इसकी पहचान होने से संबंधित व्यक्ति को मेडिकल सहायता उपलब्ध कराते हुए इसे होने से रोका जा सकता है।

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इसके लिए 28 जून से 06 जुलाई तक जिले के सभी प्रखंडों के चिन्हित सेंटिनल और रेंडम क्षेत्रों में रात 08 बजे से 12 बजे तक नाईट ब्लड सर्वे कैम्प लगाया जा रहा है। इस दौरान 20 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के कुछ बूंद ब्लड सैंपल लेते हुए इसकी जांच नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में उपस्थित माइक्रोस्कोप से किया जाएगा। ब्लड सैंपल जांच में माइक्रो फाइलेरिया की पहचान होने पर संबंधित व्यक्ति को मेडिकल सहायता उपलब्ध कराई जाएगी ताकि उसे फाइलेरिया ग्रसित होने से सुरक्षित किया जा सके। सिविल सर्जन डॉ ओ पी साहा ने सभी प्रखंड के सेशन साइट में आयोजित नाईट ब्लड सर्वे में ज्यादा से ज्यादा लोगों को भाग लेते हुए अपने शरीर में शामिल माइक्रो फाइलेरिया की पहचान करवाने की अपील की है।

फाइलेरिया से सुरक्षा के लिए 10 अगस्त से चलाया जाएगा सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम :

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ आर पी मंडल ने बताया कि फाइलेरिया से सुरक्षित रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा साल में एक बार सर्वजन दवा सेवन (एमडीए)  कार्यक्रम चलाया जाता है। पूर्णिया जिले में वर्ष 2024 में 10 अगस्त से सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम चलाया जाएगा। इस दौरान 02 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को (गर्भवती/धात्री महिलाओं और गंभीर बीमारी से ग्रसित लोगों को छोड़कर) डीईसी, अल्बेंडाजोल एवं आइवरमेक्टिन की दवा खिलाई जाएगी। एमडीए कार्यक्रम में स्थानीय आशा कर्मियों द्वारा पहले तीन दिन स्थानीय स्कूलों में उपस्थित बच्चों को और उसके बाद घर-घर जाकर दवा खिलाई जाएगी। लगातार पांच वर्ष तक एमडीए कार्यक्रम के तहत दवा सेवन करने से लोग फाइलेरिया ग्रसित होने से सुरक्षित रह सकते हैं।

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