बिहार

नेटवर्क सदस्यों द्वारा लोगों को जागरूक कर खिलायी जा रही फाइलेरिया से सुरक्षा की दवा

पूर्णिया, (न्यूज़ क्राइम 24) फाइलेरिया बीमारी से लोगों को सुरक्षित रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले में सर्वजन दवा सेवन (एमडीए/आईडीए) कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है। इसके तहत जिले के अलग-अलग प्रखंडों में स्वास्थ्य कर्मियों को विशेष रूप से प्रशिक्षित करते हुए संबंधित क्षेत्र में सामान्य लोगों को फाइलेरिया की दवा का सेवन करायी जा रही है। कसबा और श्रीनगर प्रखंड के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग द्वारा के.नगर प्रखंड के स्वास्थ्य कर्मियों को इसके लिए प्रशिक्षण दिया जा चुका है जबकि अन्य प्रखंडों में भी स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित करने के बाद कार्यक्रम चलाया जाएगा।

प्रशिक्षण के बाद स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा क्षेत्र में घर-घर पहुंचकर लोगों को दवाई खिलाई जा रही है। ज्यादा से ज्यादा लोगों को दवाई खिलाने में स्वास्थ्य विभाग को फाइलेरिया से ग्रसित नेटवर्क सदस्यों द्वारा भी सहयोग किया जा रहा है। नेटवर्क सदस्यों द्वारा लोगों को बताया जा रहा है कि फाइलेरिया से ग्रसित होने पर उन्हें जिंदगी में बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। अगर लोग सामान्य जीवन में ही दवा का सेवन कर लेंगे तो लोग फाइलेरिया ग्रसित होने से सुरक्षित रहेंगे और सामान्य जीवनयापन कर सकेंगे।

16 वर्ष की उम्र से ही फाइलेरिया ग्रसित है छोटू, अब फाइलेरिया से सुरक्षित रखने के लिए लोगों को कर रहा जागरूक :

के.नगर प्रखंड के स्थानीय नेटवर्क सदस्य छोटू पासवान ने बताया कि मेरी उम्र 16 वर्ष थी जब मेरे एक पैर में सूजन होने लगा था। शुरुआत में सामान्य इलाज कराया लेकिन उसका कोई लाभ नहीं हुआ। धीरे धीरे मेरे दोनों पैर में सूजन होने लगा और दिन-ब-दिन पैर फूलने लगा है। फिर मेरे द्वारा सदर अस्पताल में डॉक्टर से जांच करायी गयी तो डॉक्टर ने बताया कि मुझे फाइलेरिया हो गया है जिसका कोई इलाज नहीं है। फाइलेरिया होने पर ग्रसित अंग में पानी भर जाता है जिससे फटने से वहां घाव भी होने लगता है। घाव के इलाज और सूजन सुरक्षित रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा आवश्यक महलम और एमएमडीपी किट दिया जाता है जिसका उपयोग कर मैं फाइलेरिया ग्रसित अंग को नियंत्रित रखता हूँ।

फाइलेरिया ग्रसित पैर होने के कारण मुझे ठीक से रहने और काम करने में भी बहुत दिक्कत होती है। ऐसी समस्या किसी और को नहीं हो इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा साल में एक बार सभी सामान्य लोगों को फाइलेरिया से सुरक्षित रखने के लिए दवा खिलाई जाती है। साल में एक बार दवा खाकर लोग फाइलेरिया ग्रसित नहीं होंगे और अपना समान्य जीवन आसानी से जी सकेंगे। कोई व्यक्ति हमारी तरह फाइलेरिया का शिकार नहीं हो सके इसलिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा हमें फाइलेरिया उन्मूलन अभियान में नेटवर्क सदस्य के रूप में जोड़ा गया है। हमारे द्वारा अपने क्षेत्र के लोगों को फाइलेरिया से सुरक्षा हेतु दवा खाने के लिए जागरूक करने के साथ साथ फाइलेरिया ग्रसित मरीजों की पहचान कर उन्हें अस्पताल में उपलब्ध सुविधा का लाभ दिलाने में सहयोग किया जाता है।

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02 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को खिलाई जा रही फाइलेरिया सुरक्षा के लिए डीईसी, अल्बेंडाजोल और आइवरमेक्टिन की गोली :

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ आर पी मंडल ने बताया कि फाइलेरिया एक लाइलाज बीमारी है जिसके ग्रसित होने के बाद संबंधित व्यक्ति को नियंत्रित रखा जा सकता है सम्पूर्ण स्वास्थ्य नहीं किया जा सकता। लोगों को फाइलेरिया बीमारी से होने पहले ही सुरक्षित रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा साल में एक बार सर्वजन दवा सेवन (एमडीए/आईडीए) कार्यक्रम चलाते हुए स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा फाइलेरिया से सुरक्षा की दवाई खिलाई जाती है। फाइलेरिया से सुरक्षा के लिए स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा 02 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को डीईसी व एल्बेंडाजोल की गोली तथा 05 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को आइवरमेक्टिन की गोली खिलाई जाती है।

लगातार पांच साल तक साल में एक बार दवा का सेवन करने से लोग फाइलेरिया ग्रसित होने से सुरक्षित रह सकते हैं। डॉ मंडल ने बताया कि स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा फाइलेरिया से सुरक्षा की दवा 02 वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर बीमारी से ग्रसित लोगों को नहीं खिलाया जाता है। फाइलेरिया से सुरक्षा की दवा लाभार्थियों को खाली पेट या भोजन करने के 02 घंटे बाद नहीं खिलाया जाता है। ऐसे लोगों को दुबारा नास्ता या खाना खाने के बाद फाइलेरिया से सुरक्षा की दवा स्वास्थ्य कर्मियों के सामने ही खिलाई जाती है। लाभार्थियों को फाइलेरिया से सुरक्षा की तीनों दवाओं का सेवन 05-10 मिनट के अंतराल पर स्वास्थ्य कर्मियों के सामने ही खिलाना सुनिश्चित किया जाता है।

दवा सेवन के बाद लाभार्थियों द्वारा ज्यादा से ज्यादा पानी का सेवन करने की जानकारी दी जाती है जिससे कि संबंधित व्यक्ति में फाइलेरिया के कीटाणु होने पर उसे आसानी से नष्ट किया जा सके। दवा सेवन के बाद प्रतिकूल प्रभाव होने पर तत्काल नजदीकी अस्पताल को सूचित करने पर संबंधित व्यक्ति को स्वास्थ्य विभाग द्वारा तत्काल चिकित्सकीय सहायता प्रदान किया जाता है। इसके लिए जिले में 05 सदस्यीय रेपिड रेस्पॉन्स टीम बनाया गया है जिसके द्वारा लोगों को मेडिकल सहायता प्रदान किया जाता है। जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले के कसबा, श्रीनगर और के.नगर प्रखंड में एमडीए/आईडीए कार्यक्रम चलाया जा रहा है जबकि अन्य प्रखंडों में स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। प्रशिक्षण के बाद अन्य प्रखंडों में भी कार्यक्रम चलाते हुए लोगों को फाइलेरिया से सुरक्षा की दवा खिलाया जाएगा।

ध्यान रखने योग्य जानकारी:

  • खाली पेट दवा का सेवन नहीं करना है।
  • दवा स्वास्थ्यकर्मियों के सामने ही दवा खाना आवश्यक है।
  • अल्बेंडाजोल की गोली चबाकर खाना है।
  • अपने घरों के आसपास गंदा पानी इकट्ठा नही होने देना चाहिए।
  • सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करना चाहिए।

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