बिहार

नाइट ब्लड सर्वे कार्य की सफलता को लेकर लैब टेक्निशियन को किया गया प्रशिक्षित

अररिया(रंजीत ठाकुर): फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जिले में 15 से 24 जून के बीच नाइट ब्लड सर्वे का कार्य संपन्न कराया जाना है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा इसे लेकर सभी जरूरी तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। नाइट ब्लड सर्वे के लिये जिले के सभी प्रखंडों में दो सेशन साइट चिह्नित किये गये हैं। इसके अलावा अररिया व फारबिसगंज शहरी क्षेत्र में दो चिह्नित सेशन साइट पर सर्वे का कार्य संपन्न कराया जाना है। इस तरह सर्वे के लिये कुल 22 सेशन साइट चिह्नित किये गये हैं। जहां पूर्व से प्रशिक्षित लैब टेक्निशियन की मदद से 20 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के रक्त नमूनों की जांच की जायेगी। ताकि संबंधित इलाके में संभावित फाइलेरिया मरीजों का पता लगाया जा सके। इसी कड़ी में फारबिसगंज स्थित एएनएम कॉलेज सभागार में लैब टेक्निशियनों का एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

सटीक व त्रुटीहीन जांच में निहित है सर्वे की सफलता –

जिलास्तरीय प्रशिक्षण में लैब टेक्निशियन को सर्वे से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी दी गयी। इस क्रम में उन्हें लोगों का रक्त सैंपल लेने से लेकर इसके माइक्रोस्कोपिक जांच से जुड़ी बारीकियों से अवगत कराया गया। जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ अजय कुमार सिंह ने बताया कि जांच के लिये संग्रहित रक्त नमूनों की सटीक व त्रुटिहीन जांच सुनिश्चित कराने में लैब टेक्निशियन की भूमिका महत्वपूर्ण है। सर्वे की सफलता जांच की गुणवत्ता में निहित है। इसलिये इस बार जांच नतीजों का क्रास वेरिफिकेशन भी किया जाना है। जहां माइक्रो फाइलेरिया संक्रमण की दर 01 फीसदी से अधिक पाया जायेगा, वहां अगस्त माह में एमडीए यानी सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम का संचालन किया जायेगा।

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सर्वे के लिये प्रत्येक साइट पर लिये जायेंगे 300 सैंपल –

नाइट ब्लड सर्वे के लिये चिह्नित प्रत्येक साइट पर जांच के लिये 300 लोगों के ब्लड सैंपल संग्रह किये जायेंगे। डीवीबीडीसीओ डॉ अजय कुमार सिंह बताया कि नाइट ब्लड सर्वे लोगों के शरीर में मौजूद फाइलेरिया परजीवी का पता लगाने का सबसे आसान जरिया है। फाइलेरिया के परजीवी रात के समय लोगों के शरीर में ज्यादा सक्रिय होते हैं। इसलिये रात्रिकालिन जांच को प्राथमिकता दी जाती है। सर्वे के लिये साढ़े आठ बजे से 12 बजे रात तक लोगों को ब्लड सैंपल लिया जायेगा। इसके लिये विभागीय स्तर से संबंधित अधिकारी व कर्मियों पर अलग अलग जिम्मेदारी सौंपी गयी है। सामूहिक प्रयास से सर्वे की सफलता सुनिश्चित कराना विभागी की प्राथमिकताओं में शुमार है। प्रशिक्षण में पीएचसी प्रभारी डॉ आशुतोष, बीएचएम सइदुर्रजमा, डब्ल्यूएचओ के डॉ दिलीप कुमार, सभी वीबीडीसी सहित सहयोगी संस्था केयर व सीफार के प्रतिनिधि मौजूद थे।

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