बिहार

छात्राओं से नियमित संवाद स्थापित रखने का डीएम ने दिया निदेश

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पटना(न्यूज क्राइम 24): जिला पदाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह द्वारा आज राजकीय अन्य पिछड़ा वर्ग +2 कन्या आवासीय विद्यालय, कदमकुँआ का निरीक्षण किया गया। उन्होंने विद्यालय परिसर, वर्गकक्ष, शिक्षक कक्ष, स्मार्ट क्लास, कार्यालय कक्ष, शौचालय, स्नानागार, पेयजल, शयनकक्ष इत्यादि का निरीक्षण किया। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि विद्यालय की व्यवस्था संतोषजनक पायी गयी।

बच्चियाँ होली के अवकाश पर घर गयी हैं। दिनांक 13.03.2023 (सोमवार) से विद्यालय संचालन प्रारंभ होने पर वापस आ रही हैं। एक बच्ची कक्षा छः की सुश्री खुशबू कुमारी आज आयी हैं। डीएम डॉ. सिंह द्वारा इनसे फीडबैक लिया गया। सुश्री खुशबू कुमारी ने व्यवस्था को संतोषप्रद बताया। उन्होंने भोजन, पेयजल, स्नानागार आदि की व्यवस्था को भी अच्छा बताया।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि सीमित स्थान के बावजूद विद्यालय में पठन-पाठन की अच्छी सुविधा है। छात्राओं की जरूरतों के अनुरूप सभी व्यवस्था है। सुरक्षा व्यवस्था अच्छी है। सीसीटीवी क्रियाशील है। चार सुरक्षा गार्ड हैं। शिक्षकों की संख्या पर्याप्त है। स्मार्ट क्लास एवं कम्प्यूटर शिक्षा की बेहतर सुविधा है। पुस्तकालय में पुस्तकों की पर्याप्त उपलब्धता है। मेन्यू के अनुसार खाना दिया जाता है। पेयजल की अच्छी सुविधा है। छः वाटर कूलर एवं चार स्नानागार है। सैनिटरी नैपकिन वेंडिंग मशीन क्रियाशील है।

बच्चियों के बीच शैक्षणिक एवं मानसिक विकास हेतु विभिन्न तरह की गतिविधियां आयोजित की जाती हैं। कोडिंग, क्विज, ड्राँइंग, निबंध प्रतियोगिता के साथ-साथ बच्चियों को पर्यटन एवं ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण भी कराया जाता है। पिछले सप्ताह ही नालंदा एवं राजगीर का भ्रमण कराया गया है। छात्राओं के खेलकूद के लिए सभी सामग्री यथा कैरम बोर्ड, रिंग, लूडो, शतरंज, स्किपिंग रस्सी आदि उपलब्ध है। प्रावधानों के अनुसार प्रत्येक छात्रा को डीबीटी के माध्यम से ₹ 10,580 प्रतिवर्ष उपलब्ध कराया जाता है। इसमें पठन-पाठन की सामग्री, पोशाक, दवा, तेल, साबुन, चादर इत्यादि शामिल है।

डीएम डॉ. सिंह ने जिला कल्याण पदाधिकारी को विभाग से समन्वय कर यह स्पष्ट करने का निदेश दिया कि इस पैकेज में सैनिटरी नैपकिन के लिए अन्य विद्यालय की छात्राओं को दी जाने वाली ₹ 300 वार्षिक शामिल है कि नहीं। यदि शामिल नहीं होगा तो सैनिटरी नैपकिन के लिए यहां की छात्राओं को भी ₹300 वार्षिक दिया जाएगा। आउटसोर्सिंग के माध्यम से चार रसोईयों को रखा गया है जो पर्याप्त है। विद्युत की भी अच्छी व्यवस्था है।

स्मार्ट मीटर लगाया गया है। एक जेनरेटर भी है। जिलाधिकारी ने कहा कि स्मार्ट प्री-पेड मीटर को ससमय रिचार्ज कराएं, आवश्यकतानुसार पर्याप्त आवंटन की अधियाचना कर लें। डीएम डॉ. सिंह ने शयनकक्ष एवं वर्गकक्ष की मरम्मति एवं रंग-रोगन कराने का निदेश दिया। उन्होंने कहा कि पेयजल हेतु एक मोटर है। पेयजल की वैकल्पिक व्यवस्था के लिए कार्यपालक अभियंता, पीएचईडी को आवश्यक व्यवस्था करने का निदेश दिया गया।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि विद्यालय की छात्राएं काफी अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं। पीएम यंग एचीवर्स स्कॉलरशीप स्कीम के तहत विद्यालय की 17 छात्राओं ने सफलता प्राप्त की हैं। इसकी सूची इस वर्ष जनवरी में भेजी गयी है। विगत वर्ष भी शत-प्रतिशत छात्राओं ने प्रथम श्रेणी में दसवीं एवं बारहवीं परीक्षा उत्तीर्ण की थी।

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जिलाधिकारी द्वारा इस पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए जिला कल्याण पदाधिकारी एवं शिक्षकों को आगे भी इसे जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया गया। उन्होंने कहा कि जिला कल्याण पदाधिकारी, पटना श्री राणा वैद्यनाथ प्रसाद सिंह द्वारा विद्यालय का नियमित निरीक्षण एवं कार्यों का अनुश्रवण किया जा रहा है। यह प्रशंसनीय है। उन्होंने जिला कल्याण पदाधिकारी तथा अधीक्षिका को छात्राओं से निरंतर संवाद स्थापित रखने एवं शैक्षणिक आवश्यकता के अनुरूप आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित रखने का निदेश दिया।

विद्यालय में 240 छात्राएं हैं। कुल 14 शिक्षक हैं। इसमें शिक्षा विभाग द्वारा प्रतिनियुक्त 11 शिक्षक तथा नियत मानदेय पर नियोजित 03 शिक्षक शामिल हैं। एक कम्प्यूटर शिक्षक भी हैं। विद्यालय में कक्षा छः से बारह तक की पढ़ाई होती है। कुल 18 कमरे हैं। एक कम्प्यूटर लैब भी है। विद्यालय में 08 प्राथमिक शिक्षक हैं जो आवश्यकता से अधिक हैं।

डीएम डॉ. सिंह नेे जिला शिक्षा पदाधिकारी को प्राथमिक शिक्षकों की आवश्यकतानुसार संख्या में ही प्रतिनियुक्ति करने तथा माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षकों की जरूरत के अनुसार पदस्थापन/प्रतिनियुक्ति सुनिश्चित करने का निदेश दिया। उन्होंने जिला कल्याण पदाधिकारी को विद्यालय में व्याख्याता के पदस्थापन हेतु पत्राचार करने तथा सामग्री आपूर्ति मद एवं अन्य मद में आवश्यकतानुसार आवटंन की अधियाचना करने का निदेश दिया।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि वर्तमान में यह विद्यालय अस्थायी व्यवस्था के तहत निगरानी वाद के अन्तर्गत अधिग्रहित मकान (आधारभूत संरचना एवं शैक्षणिक संरचना) में चलता है। जगह अपर्याप्त है। विद्यालय में 240 छात्राएं हैं। शयनकक्ष एवं वर्ग कक्ष छोटे हैं। *स्थायी व्यवस्था हेतु विद्यालय के नये भवन के लिए बिहटा प्रखंड में तीन एकड़ भूमि चिन्हित की गयी है जिस पर शीघ्र ही निर्माण कार्य प्रारंभ होने वाला है*।

इसमें छात्रावास, प्रशासनिक भवन, वर्ग कक्ष, पुस्तकालय, लैब इत्यादि की आदर्श व्यवस्था रहेगी। भवन निर्माण के बाद यथाशीघ्र विद्यालय को नये भवन में स्थानान्तरित किया जाएगा। *डीएम डॉ. सिंह ने निरीक्षण के वक्त ही* उप महाप्रबंधक, भवन निर्माण निगम से दूरभाष पर वार्ता कर अद्यतन स्थिति का जायजा लिया गया। बताया गया कि मिट्टी परीक्षण का कार्य प्रगति पर है।

जिलाधिकारी ने निदेश दिया कि सोमवार को अंचलाधिकारी सीमांकन कार्य पूर्ण करें। उन्होंने जिला कल्याण पदाधिकारी को वन प्रमंडल के साथ समन्वय स्थापित करते हुए स्थलीय भौतिक स्थिति के अनुरूप अनापति प्रमाण-पत्र की उपलब्धता शीघ्र सुनिश्चित करने का निदेश दिया। डीएम डॉ. सिंह ने अनुमंडल पदाधिकारी, दानापुर को कार्यों में प्रगति का अनुश्रवण करने का निदेश दिया।

इस अवसर पर डीएम डॉ. सिंह के साथ जिला कल्याण पदाधिकारी, भूमि सुधार उप समाहर्ता, पटना सदर, नगर कार्यपालक पदाधिकारी, बॉंकीपुर अंचल, विद्यालय के शिक्षकगण एवं अन्य भी उपस्थित थे।

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